क्यों नहीं किसी के साथ भाग जाती वो
मुझे सचमुच इस चीज़ से फ़र्क नहीं पड़ता कि उसे कैसा लगता है मेरे बिना … खा़स तौर पर मैं उन दिनों से सीधे-सीधे आंख बचाकर निकल जाता हूं जिन पर हमने अपने नाम लिखकर उड़ा दिए थे. मैं वाकई नह... Read more
तिब्बत का पहला ऐतिहासिक सर्वेक्षण करने वाले विख्यात अन्वेषक पंडित नैनसिंह रावत (देखें: पंडित नैनसिंह रावत : घुमन्तू चरवाहे से महापंडित तक) के चचेरे बड़े भाई पंडित मान सिंह रावत मुनस्यारी की ज... Read more
स्वस्थ बातचीत का वर्जित विषय
साधो हम बासी उस देस के – 6 –ब्रजभूषण पाण्डेय (पिछली कड़ी : नियति दानवी से लड़ कर विजेता राजकुमार बनने की कथाएं ) मास्साब की अख़लाक़ निगाहों में पढ़ाने से ज़्यादा ज़रूरी काम अपने ढीठ रुत... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 59
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
लोहारखेत गाँव से कुछ तस्वीरें
कुमाऊं मण्डल के बागेश्वर जिले की कपकोट तहसील का एक गाँव है लोहारखेत. ये गाँव पिंडारी, कफनी और सुन्दरढूँगा ग्लेशियरों के रास्ते का एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है. खड़किया तक रोड बनने से पहले लोहारखे... Read more
धरती के युद्ध धरती पर ही लड़े जायेंगे
जिस जगह वो रहता था उस जगह के आगे कोई बस्ती नहीं थी. गाँव के छोर से आगे जाने की अघोषित मनाही थी. कई पीढीयों से. उसे पक्का विश्वास था की दुनिया के गोल होने बातें महज बकवास थी.और दुनिया का छोर... Read more
एक बार तो लगता है कि झपटकर कर लें, लेकिन फिर दिमाग चोक लेने लगता है. यहां तक आते-आते दिल की मोटरसाइकिल भी तीस से नीचे का एवरेज देने लगती है. गनीमत बस इतनी है कि रुक-रुककर ही सही, चलती तो है.... Read more
वे दिन, वे लोग और उन दिनों का वह पंतनगर!
कहो देबी, कथा कहो – 21 (पिछली कड़ी: कहो देबी, कथा कहो – 21 – निर्माण के दिन) वे दिन, वे लोग और उन दिनों का वह पंतनगर! किसी शांत कस्बे की तरह था वह, जहां अड़ोस-पड़ोस ही नहीं, पूरे कैम्पस क... Read more
कुमाऊनी लोकोक्तियाँ – 58
पिथौरागढ़ में रहने वाले बसंत कुमार भट्ट सत्तर और अस्सी के दशक में राष्ट्रीय समाचारपत्रों में ऋतुराज के उपनाम से लगातार रचनाएं करते थे. वे नैनीताल के प्रतिष्ठित विद्यालय बिड़ला विद्या मं... Read more
मुक्तेश्वर से बर्फ़बारी की कुछ तस्वीरें
दिसंबर मध्य से हिमालय की निचली चोटियों पर बर्फबारी की शुरुआत हो जाती है. दो-एक दफा होने वाली इस बर्फ़बारी का लोग साल भर इन्तजार करते हैं और मौका बनते ही पहाड़ों की ओर दौड़ लगा देते हैं. कुमाऊं... Read more