नाम में क्या रखा है
नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं इसलिए हमने जब कहानी को कहानी की तरह पाया तो सामने नाना थे. शायद यही वजह रही हो कि हमें नानी और कहा... Read more
ईजा की भाषा बनाम मातृभाषा
अभी हाल ही में भारतीय संविधान को दोहरा रहा था तो अनुच्छेद 350 ‘क’ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देखते ही मेरे मन में वर्षों से घर कर रहा एक सवाल हिचकोले खाने लगा सवाल था कि मेरी मातृभाषा क्या... Read more
हमारी हिंदी-रघुवीर सहायहमारी हिंदी एक दुहाजू की नई बीवी हैबहुत बोलनेवाली बहुत खानेवाली बहुत सोनेवालीगहने गढ़ाते जाओसर पर चढ़ाते जाओवह मुटाती जाएपसीने से गंधाती जाए घर का माल मैके पहुँचाती जा... Read more
आज दुनिया भर में मनाया जाता है रोआल्ड डाल दिवस
बीसवीं सदी में सबसे ज़्यादा पढ़े गए लेखकों में शुमार रोआल्ड डाल ने उपन्यास लिखे, बच्चों के लिए किताबें लिखीं और सबसे महत्वपूर्ण यह कि एक से एक अविस्मरणीय कहानियां लिखीं. (Today is Roald Dahl... Read more
हल्द्वानी में बकरी का दूध 800 रुपया प्रति लीटर
इन दिनों हल्द्वानी समेत पूरे उत्तराखंड में डेंगू बड़ी तेजी से फ़ैल रहा है. केवल नैनीताल जिले में डेंगू के 788 मामले सामने आये हैं. हालांकि उत्तराखंड सरकार इन आकड़ों को मानने से मना कर रही है. अ... Read more
प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी अल्मोड़ा में मुस्लिम समुदाय द्वारा ताजियों का निर्माण किया गया. लाला बाजार, भियारखोला, कचहरी बाजार, थाना बाजार, नियाजगंज की समितियों की ओर कलात्मक ताजियों का न... Read more
पितृपक्ष: वीरेन डंगवाल की कविता
पितृपक्ष -वीरेन डंगवालमैं आके नहीं बैठूंगा कौवा बनकर तुम्हारे छज्जे परपूड़ी और मीठे कद्दू की सब्ज़ी के लालच मेंटेरूँगा नहीं तुम्हेंन कुत्ता बनकर आऊँगा तुम्हारे द्वाररास्ते की ठिठकी हुई गायक... Read more
कल से शुरू होंगे पितृपक्ष के श्राद्ध
कल अर्थात 13 सिंतबर को भाद्रपद महीने की पूर्णिमा है. इस मास के समाप्त होने पर आश्विन मास की शुरुआत होती है. परम्परा है कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितृ पक्ष मनाया जाए और श्राद्ध-तर्पण इत... Read more
जब 500 रुपये का जुर्माना हुआ दानसिंह मालदार पर
गोविन्द राम काला की शानदार किताब ‘मेमोयर्स ऑफ़ द राज’ के कई अंशों का अनुवाद आप काफल ट्री पर पढ़ चुके हैं. आज पढ़िए अपनी इस पुस्तक में पिथौरागढ़ के मालदार परिवार को लेकर गोविन्द राम काला ने क... Read more
फिर चांद के लिए इतनी चाहत क्यों?
50 वर्ष पहले 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर मानव के वे पहले कदम पड़े थे. 8 बज कर 26 मिनट (कोआर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम) पर अपना बांया कदम चांद पर रखते हुए प्रथम चंद्रयात्री नील आर्मस्ट्रांग... Read more