नई सदी के दो दशकों का खोया-पाया
हम नब्बे के दशक के लौंडो के लिए ट्वेंटी-ट्वेंटी शब्द युग्म एक सपने की तरह आया था. जितना हम उस दौर में अपने ख्वाब में ‘कभी लिंकिंग रोड कभी पैडल रोड’ पर रैन्देवू विथ रवीना टण्डन कर... Read more
केदार घाटी का गाँव ‘आश्रम’. यहीं परमेश्वरानन्द और उनकी सती-साध्वी पत्नी पार्वती रहती थी. सुबह-शाम अपने इष्टदेव की आराधना करते और दिनभर अपनी खेती-बाड़ी. परिवार में कोई तीसरा नहीं... Read more
जलियांवाला बाग़ नरसंहार का बदला लेने वाले क्रांतिकारी उधम सिंह का जन्मदिन है आज
ऊधम सिंह नगर, उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में स्थित एक जिला है जो 1995 से पूर्व नैनीताल जिले का ही हिस्सा हुआ करता था. अक्टूबर 1995 में मायावती सरकार ने नैनीताल से तराई क्षेत्र को अलग कर एक नय... Read more
चन्द्र सिंह राही, ग्रामोफोन, कैसेट, सी. डी. दौर की पहली पीढ़ी के गढ़वाली लोकगायकों में से एक थे. उनका जन्म 28 मार्च 1942 को हुआ और 10 जनवरी 2016 को वे इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए.... Read more
दून घाटी में साल के वन और उनमें विराजमान चार सिद्ध
दून घाटी में प्रवेश करते ही साल के खूबसूरत जंगल आपका स्वागत करते हैं. इस घाटी में आप चारों तरफ कहीं भी चले जांये छ सात किलोमीटर के बाद आपको सदाबहार साल के जंगल आपका मन मोह लेंगे. साल का पेड़... Read more
गढ़वाल चित्रकला शैली और मौलाराम
उत्तराखंड का गढ़वाल हिमालय अपनी नैसर्गिक सुन्दरता तथा पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध रहा है. यह क्षेत्र भारतीय संस्कृति की चेतना का केन्द्र रहा है. गढ़वाल चित्रकला शैली भी इसी क्षेत्र की एक... Read more
हवाई पट्टी फैलेगी खेत सिमटेंगे अभयारण्य सिकुड़ेगा
राजाजी नेशनल पार्क के समीपवर्ती “थानो वन” अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. ऋषिकेश से ऊपर चढ़ें तो रानीचौरी के पहले से ही हाथी कोरिडोर शुरू हो जाता है. भांति-भांति के... Read more
दीवाली-सा लगा था गढ़वालियों को वो क्रिसमस
क्रिसमस-युद्धविराम, प्रथम विश्वयुद्ध की सबसे प्रसिद्ध उपकथाओं में से एक है. पूरी तरह से अनऑफिशियल और तात्कालिक ये युद्धविराम 24-25 दिसम्बर 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चिमी मोर्चे पर हुआ थ... Read more
’प्राणो वा अन्नः’ अन्न ही प्राण है, यह वेदोक्त बात है. अन्न को ब्रह्म का स्वरूप भी कहा गया है, अन्न को देवता तुल्य माना गया है, जो हमारे शरीर का पोषण करता है. कुदरत ने मानव शरीर की संरचना इस... Read more
जयंती, शिक्षा विभाग और चाय-नमकीन
अपने मुल्क में बड़े लोगों की जयंती मनाए जाने का चलन आम है. बहुत बड़े लोगों की पुण्यतिथि भी मनाई जाती है. ऐसा माना जाता है कि सामान्य जन इन आयोजनों से प्रेरणा लेकर उनके टाइप बनने का प्रयास कर... Read more