ओशो कहते हैं कि ‘संतान कितनी ही बड़ी क्यों न हो जाए, अपने माता-पिता से बड़ी कभी नहीं हो सकती.’ लेखक ललित मोहन रयाल का अपने पिता मुकुन्द राम रयाल पर लिखी किताब ‘काऽरी तु कब्बि ना हाऽरि’ का मु... Read more
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक लोगों ने योगदान दिया. बड़े नेताओं के अलावा ऐसे हज़ारों नाम हैं जो आज भी गुमनाम हैं. उत्तराखंड के ऐसे हज़ारों वीर हैं जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपने जान... Read more
वीर भोग्या वसुंधरा
शर्मा जी दिल से भगवान को याद कर रहे थे. दिल से मतलब सीधे दिल से. और अचानक भगवान प्रगट हो गये. पूछा, “बोलिये शर्मा जी क्या चाहते हो?”(Priy Abhishek Satire Veerbhogya Vsundhra) शर्मा जी ने कहा... Read more
ये आकाशवाणी है, अब आप देवकी नंदन पांडे से समाचार सुनिए… रात के पौने नौ बजे भारत के घर-घर में दशकों तक इस पंक्ति को सुना गया. अपने जीवन काल में ही लैजेंड बन गये देवकी नंदन पांडे की आवाज... Read more
अल्मोड़ा से छत्तीस किलोमीटर दूर पूर्व उत्तर दिशा में देवदार के घने पेड़ों की घाटी में एक सौ चौबीस छोटे बड़े मंदिरों का समूह जागेश्वर है. यहाँ देवदारु के पेड़ हैं इसलिए यह ‘दारूकावन... Read more
स्टीफन हॉकिंग को गए आज तीन साल हो गए हैं
उनकी खास तरह की व्हीलचेयर, बीमारी की वजह से विकृत हो गया, एक तरफ को मुड़ा हुआ चेहरा, मोटे चश्मे के पीछे से झांकती बेबाक आंखें और टेढ़ी-मेढ़ी लम्बी उँगलियां मिल कर आम जन के अचेतन में एक अकल्प... Read more
ताकि समझ आ सकें सृष्टि के सारे रहस्य
वैदिक काल में बड़े-बड़े ऋषि-मुनि, लेखक, ज्ञानी और तपस्वी हुए, जिन्होंने एक से बढ़कर एक तरीके से साधना की और अलग-अलग विद्याओं में निपुणता प्राप्त की. रामायण और महाभारत में हमें एक से बढ़कर एक... Read more
बसंत के पुजारी पहाड़ी बच्चों का आस का पर्व: फुलदेई
फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल और देई (देळी) अर्थात देहरी. फुलसंग्रांद और फुल फुल माई नाम से भी ये त्योहार जाना... Read more
कल है फूलदेई
पहाड़ के लोग अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिये जाने जाते हैं, जाने जाते हैं प्रकृति से अपने प्रेम के लिये. उत्तराखंड के लोग प्रकृति की गोद में पलते और बढ़ते हैं सो उनके जीवन में प्रकृति का हर रंग... Read more
अपने संघर्षों पर हमेशा मुस्कुराने वाले पहाड़ियों के सपनों पर चांदनी एंटरप्राइजेज का गीत: आस
सपनों से दिखने वाले हिमालय के बीच बसे गावों में हर समय सपने पलते हैं. सपनों में कोई फौजी है कोई मास्टर है तो कोई डॉक्टर है. पहाड़ में पला बड़ा कौन ऐसा होगा जिसके मन में कभी डॉक्टर बन सबके दु... Read more