एक उत्सवधर्मी देश जब त्रासदी से गुज़रता है
हमारे देश को उत्सवों का देश कहा जाता है. हमारी उत्सवधर्मिता का लोहा दुनिया मानती है. हमारे जलसों में दुनिया शरीक होती है. हमने अपनी-अपनी कक्षाओं में होली पर निबंध लिखे. दीवाली पर भाषण दिए. ह... Read more
किसी भाषा को कैसे बचाया जा सकता है? यह एक ऐसा सवाल है जिसके बड़े लम्बे चौड़े उत्तर दिये सकते हैं, कविता की जा सकती है. गोष्ठी की जा सकती है. सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा सकते हैं, उसके व्याक... Read more
दारमा, व्यास और चौदास का अलौकिक सौंदर्य
एटकिंसन ने 1866 में अपने ग्रन्थ ‘हिमालयन गज़ेटियर’के भाग तीन में “भोटिया महाल” में विस्तार से दारमा परगने का वर्णन किया है. स्ट्रेची और ट्रेल ने भी अपने यात्रा विवरण... Read more
कोविड ने दिया मुझे जिंदगी का एक नया नजरिया
जीवन हमेशा इस क्षण में घटित होता है, इसलिए सबसे बड़ी बात यही मायने रखती है कि हम किसी क्षण में क्या कर रहे होते हैं. मैं एक अप्रैल को जब दिल्ली आया था, तो दिमाग में कई तरह के अधूरे काम कुलबु... Read more
नातिणी-बड़बाज्यू संवाद
‘नातिणी-बड़बाज्यू संवाद’ गिरीश तिवाड़ी ‘गिर्दा’ का ब्रजेन्द्र लाल शाह को श्रद्धांजलि देते हुये लिखे लेख ‘यह सृष्टि सुहागिन रहे कामना मेरी’ का हिस्सा है.... Read more
ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां
हे राम! तुम्हारी धरती पर कोहराम मचा है. फिर किसी नगर, किसी शहर में मातृत्व से वंचिता स्त्री को अपनी माँ होने के गौरव से भर दो. फिर आओ…फिर जल्दी आओ. नये कथानक के साथ आओ .हे राम! तुम्हार... Read more
डूबना एक शहर का : प्रसंग टिहरी
अपने डूबने में यह हरसूद का समकालीन थाशहरों की बसासत के इतिहास को देखें तोयह एक बचपन का डूबना था(Poem Harish Chandra Pande) इतिहास से बाहर जाएँ, जैसे मिथक मेंतो यहाँ एक मुक्ति दा नदी बाँधी जा... Read more
पिथौरागढ़ में मिशनरी का इतिहास
एक सौ पचास साल हो चुके हैं जब पिथौरागढ़ के सिलथाम में एक प्राथमिक स्कूल खुला था और उसमें सिर्फ एक बच्ची का प्रवेश हुआ था. लड़कियों की पढ़ाई लिखाई की यह शुरुवात थी.एक ऐसी लहर जो सोर घाटी में... Read more
हाल ही में ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म एमएक्स प्लेयर में नयी मूवी रिलीज हुई है. पौराणिक कथाओं पर आधारित इस फिल्म का नाम है ‘कर्मा.’ फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया है. फिल्म 4 किरदारों के इर्द-गिर्... Read more
गढ़वाल के बुग्याल
‘नंदादेवी का सफल आरोहण’ के लेखक पर्वतारोही टी. जी. लांगस्टाफ उत्तराखंड हिमालय से सम्मोहित अभिभूत व रोमांचित रहे. इस सुरम्य अल्पाइन भू भाग के भ्रमण व कई यात्राओं से मुग्ध हो उन्हो... Read more