क्रौंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से 38 किलोमीटर की दूरी पर कनक चौरी गाँव में स्थित है कार्तिक स्वामी मंदिर. भगवान शिव के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को समर्पित इस मंदिर तक कनक चौरी गाँव से 3 किलोमी... Read more
वर्तमान को स्वीकार कर ही बनेगा भविष्य दुरुस्त
क्या कभी आपने खुद से यह सवाल पूछा है कि आप यूं दौड़ क्यों रहे हैं? आपका मकसद क्या है? आप क्या पाना चाहते हैं? कहां पहुंचना चाहते हैं? आपको यह कैसे समझाया जाए कि अगर आप पैसे, पावर और रुतबे जै... Read more
पुणे के श्रीवत्स अनाथालय के रेकॉर्ड्स में उसके माता-पिता के बारे में ठोस जानकारी नहीं है. उनका वास्तविक नाम किसी को नहीं मालूम. पता नहीं कि वे उस नवजात को लेकर आए थे या ऐसे ही बाहर छोड़ गए थ... Read more
पाइन्स तब हमारे लिए ‘पेनल्टी प्वाइन्ट’ हुआ करता
पर्यटक देशी हो अथवा विदेशी अथवा सूदूर पहाड़ों के गंवई हों, नैनीताल को एक बार देखने की चाहत सभी में रहती है. हो भी क्यों न, छोटी विलायत जो ठहरा नैनीताल. नैनीताल की सुषमा अपनी जगह है, जो कुदरत... Read more
समळौण्या होती सैकोट के सेरों की रोपाई
गढ़वाल के उन गिने-चुने गाँवों में से एक है सैकोट जिनकी उपजाऊ ज़मीन पहली नज़र में ही मन को भा जाती है. खेती ऐसी जैसे कुदरत ने गाँव के आगे हरियाला आँगन बना के दिया हो. सिंचित हरी-भरी खेती वाला... Read more
बहुत भरोसेमंद था रमुआ बल्द
बचपन गजब होता है जो बातें उन दिनों अखरती हैं वहीं बाद में मधुरता घोलती दिखाई देती हैं. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो यूँ ही यादगार बन जाती हैं. भाबर में उन दिनों खेतों की जुताई का कार्य बैलों से... Read more
जाड़ इलाके की नमकीन चहा ‘ज्या’
उच्च हिमालय और सीमांत के इलाके में उत्तरकाशी से आगे गंगोत्री मार्ग में पसरी है भैरोघाटी. भैरो घाटी से ऊपर पश्चिमी इलाके कारछा, हिण्डोली और निलांग गाँव हैं. इस जिले को च्छोङ्गसा कहते हैं. स्थ... Read more
मां के गर्भ में शिशु उसका ही अंश होता है और हर मां को अपना शिशु प्यारा होता है. यही कारण है कि उसे जन्म देते समय वह असहनीय दर्द भी सहर्ष सहन करती है. दरअसल गर्भावस्था महिलाओं के लिये महत्वपू... Read more
एक थी शर्मीली
कॉर्बेट की एक ऐसी बाघिन जिसने अपनी असाधारण सुंदरता, अदभुत शारीरिक डील-डौल व शिकार करने के अभूतपूर्व क्षमता से देश ही नहीं वरन पूरे विश्व में प्रसिद्धि हासिल की. (Memoirs of Corbett Par... Read more
अब सुनने को नहीं मिलते हैं पहाड़ के मेलों में ‘बैर’
वैरा जिसे बैर भी कहते हैं, इसका शाब्दिक अर्थ संघर्ष है जो गीत-युद्ध के रूप में गायकों के बीच होता है. इसमें एक पक्ष दूसरे को पराजित करने की चेष्टा करता है. अपने पक्ष का समर्थन और दूसरे पक्ष... Read more