आँछरी
भागीरथी के पार साँझ की रोशनी में बियाबान जंगलों का शोर अब खामोशी से रात की देहरी पर दस्तक देता जा रहा था. राक्षस ने अपने गिलास में भरकर शराब को एक ही घूँट में खाली कर दिया. डील-डौल और कद्दाव... Read more
एक लेखक से मुलाकात
यूं तो मुझे दर्जनों लेखकों से मुहब्बत है, लेकिन शंभू राणा, अशोक पांडे और अनिल यादव उनमें विरले कहे जाएंगे. आज तक मैंने जिन भी दिल को छू लेने वाले लेखकों को पढ़ा, उनमें ज़्यादातर से मुलाकात न... Read more
कुमाऊनी शैली में दोहे
मौखिक होने के कारण लोकगीत परपंराओं की अनेक चीजें अछूती रह जाती हैं. मसलन कुमाऊनी लोकगीतों के दौरान में कहे जाने वाले दोहे. अक्सर ऐसा देखने को मिलता है जब लोक कलाकार छबीली या अन्य लोकगीत गाते... Read more
मुल्क कुमाऊँ को ढुंगो ढुंगो होलो
लोकरत्न गुमानी पन्त के बाद जिस कुमाऊनी कवि का नाम आता है वह हैं कृष्ण पांडे. अल्मोड़ा जिले के पाटिया में जन्में कृष्ण पांडे के विषय में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. कृष्ण पांडे की कविताओ... Read more
बकरी और भेड़िये
अल सुभह गांव के चौराहे वाले चबूतरे पर ननकू नाई उकड़ूं बैठकर अपने औजारों की सन्दूकची खोजने ही जा रहा था कि मिट्ठू आन पहुंचा.(Story by Bhagwati Prsaad Joshi) – राम-राम ननकू भाई – र... Read more
पहाड़ की ठण्ड में चाय की चुस्की
बचपन से ही में मुझे शिकार खेलने का बहुत शौक था जो किशोरावस्था तक आते-आते और भी चरम सीमा पर चढ़ गया. शहर से जब भी गांव आना होता था मैं दूसरे दिन बंदूक उठा कर शिकार की तलाश में जंगल की ओर निकल... Read more
रमोलिया हाउस में रंगोत्सव : कलर्स ऑफ होप
कुमाऊँ मंडल विकास निगम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कालाढूंगी चौराहा, हल्द्वानी के द्वितीय तल पर स्थित रमोलिया हाउस कल पूरा दिन गुलज़ार रहा. मौका था ‘काफल ट्री फाउंडेशन’ द्वारा 31 मार्च से आयोजित 4 द... Read more
रंग बातें करें और बातों से ख़ुशबू आए
‘रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए…’ ज़िया जालंधरी की ग़ज़ल के इस मुखड़े को हक़ीक़त बनते देखना हो तो आएं ‘रमोलिया हाउस.’ यहाँ आपके लिए 10 युवा कलाकारों की शानदार पेंटिंग्स लगायी गय... Read more
राजी जनजीवन की झलक दिखाता एक बेहतरीन उपन्यास
‘काली वार काली पार’ पुस्तक के लेखक शोभाराम शर्मा की एक दो कृतियां बहुत पहले पढ़ी थी, जिनमें उनके जनप्रतिबद्ध लेखन की झलक देखी थी मैंने. न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन से 2022 में आयी इस पुस्तक को पढ़... Read more
कहानी : कैकेयी कंडक्टर और ‘बस-हो-चली-बुढ़िया’
(प्रकृति करगेती की यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘ठहरे हुए से लोग’ में शामिल है. कहानी संग्रह को अमेजन से खरीदा जा सकता है. लिंक यह रहा : ठहरे हुए से लोग – Thahre Huye Se Log) मोड़ काटने... Read more