काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree जून डुबि, तारा डुब्या, रात यो सखतकॉं उसा मानुष रैगीं कॉं उसो बखत. चांद डूबा, तारे डूबे, रात बड़ी सख्त है. कहां रहे वैस... Read more
किनारे किनारे दरिया (बान डायरी)
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree काव्यांश प्रकाशन ऋषिकेश उत्तराखण्ड से प्रकाशित शिव प्रसाद जोशी की पठनीय पुस्तक ‘‘किनारे किनारे दरिया (बान डायरी) इत्तफाक से... Read more
आज वीरेन डंगवाल का जन्मदिन है
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree हिंदी कवियों की उस पीढ़ी के अद्वितीय, शीर्षस्थ हस्ताक्षर माने जाएँगे जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जन्मी और सुमित्रानंदन पन... Read more
शिब्बा बोडी अर गूंगा नौनिहाल
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree जब शिवानी जब पहली-2 बार ससुराल आई तो ऐसी थी, जैसे कि हिसर (एक पहाड़ी मीठा खूबसूरत फल) की डली सी. पानी से भी पतली. धुएं से भ... Read more
उर्दू काव्य में हिमालय
हिमालय की महिमा का गुणगान संस्कृत और हिन्दी की तरह उर्दू काव्य में भी मिलता है. इसकी विराटता का ज़िक्र उर्दू भाषा के कवियों ने भी खूब किया है. इसका कारण यह है कि हिमालय ने सम्पूर्ण भारतीय चि... Read more
यह लेख चन्दवरदाई कृत ‘पृथ्वीराज रासो’ ग्रन्थ के बीसवें अध्याय ‘पद्मावती समय’ का कथासार है. ‘पद्मावती समय’ ‘पृथ्वीराज रासो’ के 69 अध्यायों में से एक अध्याय है. इस अध्याय में कुमाऊं का जिक्र म... Read more
आँछरी
भागीरथी के पार साँझ की रोशनी में बियाबान जंगलों का शोर अब खामोशी से रात की देहरी पर दस्तक देता जा रहा था. राक्षस ने अपने गिलास में भरकर शराब को एक ही घूँट में खाली कर दिया. डील-डौल और कद्दाव... Read more
एक लेखक से मुलाकात
यूं तो मुझे दर्जनों लेखकों से मुहब्बत है, लेकिन शंभू राणा, अशोक पांडे और अनिल यादव उनमें विरले कहे जाएंगे. आज तक मैंने जिन भी दिल को छू लेने वाले लेखकों को पढ़ा, उनमें ज़्यादातर से मुलाकात न... Read more
कुमाऊनी शैली में दोहे
मौखिक होने के कारण लोकगीत परपंराओं की अनेक चीजें अछूती रह जाती हैं. मसलन कुमाऊनी लोकगीतों के दौरान में कहे जाने वाले दोहे. अक्सर ऐसा देखने को मिलता है जब लोक कलाकार छबीली या अन्य लोकगीत गाते... Read more
मुल्क कुमाऊँ को ढुंगो ढुंगो होलो
लोकरत्न गुमानी पन्त के बाद जिस कुमाऊनी कवि का नाम आता है वह हैं कृष्ण पांडे. अल्मोड़ा जिले के पाटिया में जन्में कृष्ण पांडे के विषय में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. कृष्ण पांडे की कविताओ... Read more