पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ की कहानी जल्लाद
प्रातः आठ साढ़े आठ बजे का समय था. रात को किसी पारसी कम्पनी का कोई रद्दी तमाशा अपने पैसे वसूल करने के लिए दो बजे तक झख मार-मार कर देखते रहने के कारण सुबह नींद कुछ विलम्ब से टूटी. इसी से उस दि... Read more
ज्ञानरंजन की कहानी ‘अनुभव’
1970 की गर्मियों का प्रारंभ था. गंगा के मैदान में गर्मियों के बारे में सभी जानते हैं. यहाँ पर मौसम का विशेष कुछ तात्पर्य नहीं है सिवाय इसके कि एक लंबे अंतराल के बाद मैं अपने शहर में लौट आया... Read more
जो परदेश रहता है उसी की इज़्ज़त होती है
पहाड़ से मैदान की ओर जाने पर लगता है जैसे सीढ़ी से उतरते हुए चौक में आ रहे हों. कोटद्वार रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों में पटर-पटर उतरते हुए मन में अक्सर यही बात आती है. करीब बीस साल पहले की बात... Read more
जुगल किशोर पेटशाली की पुस्तकों का विमोचन
दून पुस्तकालय एवम् शोध केंद्र की ओर से लोक संस्कृतिविद् जुगल किशोर पेटशाली की कुमाऊं की लोकगाथाओं पर आधारित पुस्तक ‘मेरे नाटक‘ तथा चार अन्य पुस्तकों ‘जी रया जागि रया‘,‘विभूति योग‘,‘गंगनाथ-गी... Read more
हल्द्वानी के फ़रीद अहमद ने किया ‘शैलेश मटियानी’ की कहानियों का उर्दू अनुवाद उत्तराखण्ड के बाड़े छीना (अल्मोड़ा) में जन्मे, हिंदी साहित्य के महान लेखक व साहित्यकार ‘शैलेश मटियानी’ की कहानियों... Read more
मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘सौत’
जब रजिया के दो-तीन बच्चे होकर मर गये और उम्र ढल चली, तो रामू का प्रेम उससे कुछ कम होने लगा और दूसरे व्याह की धुन सवार हुई. आये दिन रजिया से बकझक होने लगी. रामू एक-न-एक बहाना खोजकर रजिया पर ब... Read more
‘सोना की नथ’ एक पहाड़ी लड़की की कहानी
उसका नाम सोनी था और लोग प्यारवश उसे सोना कहते. बचपन से ही उस के सौंदर्य को देख लोग कहा करते- किसी सेठ घराने में ही ब्याही जाएगी जहाँ दस तोले की नथ पहन सके.(Sona Uttarakhand Stories) और ज्यों... Read more
आर. के. नारायण की कहानी ‘बीवी छुट्टी पर’
कन्नन अपनी झोपड़ी के दरवाजे पर बैठा गाँव के लोगों को आते-जाते देख रहा था. तेली सामी अपने बैल को हाँकता सड़क से गुजरा. उसे देखकर बोला- आज आराम करने का दिन है? तो शाम को मंटपम में आ जाना. कई औ... Read more
जैनेन्द्र कुमार की कहानी ‘पत्नी’
शहर के एक ओर तिरस्कृत मकान. दूसरा तल्ला, वहां चौके में एक स्त्री अंगीठी सामने लिए बैठी है. अंगीठी की आग राख हुई जा रही है. वह जाने क्या सोच रही है. उसकी अवस्था बीस-बाईस के लगभग होगी. देह से... Read more
शैलेश मटियानी की कहानी ‘हारा हुआ’
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree आस-पास जुड़ आए औरत-मर्दों की उपस्थिति में ही गंडामल ने अपनी चारखानी लुंगी उतारकर परे फेंक दी और एकदम गहरे लाल रंग के लँगोट... Read more