ये आकाशवाणी है, अब आप देवकी नंदन पांडे से समाचार सुनिए… रात के पौने नौ बजे भारत के घर-घर में दशकों तक इस पंक्ति को सुना गया. अपने जीवन काल में ही लैजेंड बन गये देवकी नंदन पांडे की आवाज... Read more
बसंत के पुजारी पहाड़ी बच्चों का आस का पर्व: फुलदेई
फुलदेई, उत्तराखंड का सुप्रसिद्ध और बच्चों का खूबसूरत त्योहार है. फुलदेई शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है. फूल और देई (देळी) अर्थात देहरी. फुलसंग्रांद और फुल फुल माई नाम से भी ये त्योहार जाना... Read more
कल है फूलदेई
पहाड़ के लोग अपनी विशिष्ट संस्कृति के लिये जाने जाते हैं, जाने जाते हैं प्रकृति से अपने प्रेम के लिये. उत्तराखंड के लोग प्रकृति की गोद में पलते और बढ़ते हैं सो उनके जीवन में प्रकृति का हर रंग... Read more
अपने संघर्षों पर हमेशा मुस्कुराने वाले पहाड़ियों के सपनों पर चांदनी एंटरप्राइजेज का गीत: आस
सपनों से दिखने वाले हिमालय के बीच बसे गावों में हर समय सपने पलते हैं. सपनों में कोई फौजी है कोई मास्टर है तो कोई डॉक्टर है. पहाड़ में पला बड़ा कौन ऐसा होगा जिसके मन में कभी डॉक्टर बन सबके दु... Read more
पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
पहाड़ की होली और होल्यारों की यादो का रंगीन पिटारा जहां भी खुले शमा रंगमस्त हो जाता है. कभी वक्त था जब लोग होली में गांव घरों को जाने का मन बहुत पहले बना लेते थे. नौकरी के लिये प्रवास में रह... Read more
जब उत्तराखंड के जंगलों में भटके दयानन्द सरस्वती
स्वामी दयानन्द जी 11 अप्रैल सन् 1855 को 30 वर्ष की उम्र में कुम्भ मेले की धूम सुनकर उत्तराखण्ड के वन पर्वतों की ओर प्रस्थान करते हुए हरिद्वार पहुंचे थे. हरिद्वार में स्वामी जी ने अपना निवास... Read more
सन 1871 की यात्रा (हरिद्वार) के बाद भारतेन्दु ने हरिद्वार के एक पण्डे को पत्र में लिखा था-(Haridwar Travelogue by Bhartendu Harishchandra) सम्वत बसु युग ग्रहससो, पूनो रात असाढ़।रविवासर हरिद्... Read more
तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ ले जाने वाला एक हेलीकॉप्टर जिसे सफेद चीटियां चट कर गयी
1934 का साल था. इंग्लैण्ड से एक हेलीकॉप्टर भारत लाया गया. हिमालया एयर ट्रांसपोर्ट एंड सर्वे को. लिमिटेड नाम की एक कम्पनी द्वारा खरीदे गये इस हैलीकॉप्टर का नाम था G-ABSJ. यह हेलीकॉप्टर भारत म... Read more
शिवलिंग का पूजन उत्तराखंड के इस धाम से शुरू हुआ था
शिव को अनेक रूपों में पूजा जाता है उन्हीं रूपों में एक है शिवलिंग. पौराणिक कथानुसार माना गया है कि सबसे पहले शिव लिंग का पूजन उत्तराखंड की पवित्र भूमि से प्रारंभ हुआ. अल्मोड़ा जिले से 35 किमी... Read more
Prem Chand Sharma Agriculture Uttarakhand Read more