–रामचन्द्र नौटियाल अंग्रेजों के रंवाईं परगने को अपने अधीन रखने की साजिश के चलते राजा नेे मन मसोसकर टिहरी को बनाया ठिकाना गोरखों के आतंक से गढ़वाल राज्य को राहत दिलाने के बाद अंग्रेजों... Read more
अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
-कमल कुमार जोशी समुद्र-सतह से 12,073 फुट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ को संसार में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर बताया जाता है. चोपता अत्यधिक घने जंगलों, मखमली घास के बुग्यालों और हिमालय की... Read more
कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है. यह मंदिर गढ़वाल क्षेत्र के रुद्रप्रयाग जिले में है. यह स्थान भगवान कार्तिक (भगवान शिव के जेष्ठ पुत्र)... Read more
‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया कि जैसे बस्ती और सभ्यता के चिन्हृ उससे आगे नहीं होंगे. आगे मनुष्य नहीं होंगे…लेकिन चेतना तुरंत इस मनःस्थिति से अल... Read more
‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली देने की एक अनूठी परम्परा है जो कि सदियों से चली आ रही है और आज भी बदलते समय में नये कलेवर के साथ मौजूद है.(Bh... Read more
मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
आज 10 मार्च को विश्व मशकबीन दिवस है. इस दिन, मशकबीन के सदियों पुराने इतिहास और सांस्कृतिक महत्व को ससम्मान याद किया जाता है. दुनिया भर में प्रचलित मशकबीनों के आकार-प्रकार पर चर्चा की जाती है... Read more
माँ जगदंबा सिद्ध पीठ डोलीडाना
डोलीडाना मंदिर अल्मोड़ा शहर से लगभग 3 किलोमीटर आगे गरमपानी-भवाली की ओर कर्बला के निकट पहाड़ी पर स्थित है. मुस्लिम कब्रिस्तान होने की वज़ह से जगह का नाम कर्बला पड़ा. अल्मोड़ा शहर की सीमा भी क... Read more
पिछली कड़ी : छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : कोई न रोके दिल की उड़ान को काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree ऊपर से बलखाती लहराती सड़क और दूर फैली पहाड़ियां बहुत सुन्दर... Read more
महिलाओं के हिस्से है पहाड़ की खेती
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree भारतवर्ष के अन्य पर्वतीय प्रदेषों की भांति कृषि उत्तराखंड की अधिकांश जनसंख्या के जिविकोपार्जन का मुख्य व्यवसाय हैं. पर्वतीय... Read more
क्योंकि राम हमारे आराध्य, हमारे आदर्श हैं.
दीपावली का पावन त्योहार, जो प्रतीक है 14 वर्ष के उपरान्त भगवान राम के वनवास से लौटने के उल्लास में अयोध्या नगरवासियों द्वारा किये गये उनके भव्य स्वागत का. सहस्त्रों दीपों से अयोध्या नगरी जगम... Read more