क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट : अस्पतालों में इंस्पेक्टर राज कायम करना है या फिर सुधार
राज्य में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) बड़ा विवाद का विषय बन गया है. यह विवाद 2010 से ही है, जब एक्ट बना. 2015 में इसे लागू करने का आदेश हुआ. तब भी निजी अस्पतालों के डाॅक्टरों ने इसका... Read more
महिलाओं के हौसले से टूटा बंजर धरती का गुरूर
पलायन ने राज्य के पहाड़ी गाँवों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है. सैंकड़ों गाँव वीरान हो चुके हैं. रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन भीषण हो चुका है. ऐसे वक़्त में पौड़ी के दुर्गम पहाड़ी... Read more
नमक सत्याग्रह और नैनीताल
12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती से डांडी यात्रा प्रारंभ कर दी. डांडी यात्रा में उत्तराखंड से तीन सत्याग्रही अल्मोड़े के ज्योतिराम काण्डपाल, भैरव दत्त जोशी और देहरादून के खडग बहादुर... Read more
बच्चों के जीवन से गायब हो रहे हैं खेल
खेल की महत्ता पर आप सब के लिए जानेमाने शिक्षाविद व मानवशास्त्री प्रो. पीटर ग्रे के एक बेहद दिलचस्प भाषण – The decline of play, का अनुवाद पेश है. आज बच्चों के जीवन में खेलों के ह्रास के... Read more
अक्टूबर 2014 में हमारे समय के महानतम वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर स्टीफन हॉकिंग ने एक वार्ता में बहुत सरल शब्दों में हमारे ब्रह्माण्ड से सम्बंधित बहुत मुश्किल सवालों से हमारा सामना कराया था. इस महत्वप... Read more
गोपाल सिंह रमोला और उनके भट के डुबके
कुमाऊँ के की उर्वर सोमेश्वर घाटी में सोमेश्वर और बग्वालीपोखर के बीच एक जगह पड़ती है – लोद. इस छोटी और बेनाम सी बसासत को पिछले दस-बारह सालों में एक छोटी सी ढाबेनुमा दुकान ने खासा नाम दिलाया है... Read more
बिनसर में इटली का संत
लम्बे धवल केश और वैसी ही लम्बी धवल दाढ़ी वाले उस खूबसूरत अंगरेज़ को देखकर किसी को भी धोखा हो सकता था कि वह धर्म-प्रचारक या बाबा टाइप की कोई चीज़ होगा. बिनसर-कसारदेवी-अल्मोड़ा के इलाके में चार-पा... Read more
अल्मोड़ा से 6 किलोमीटर दूर एक छोटी सी जगह है कसारदेवी. पिछले पचास से भी अधिक सालों से कसारदेवी दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. कसारदेवी यात्रा का मन बना रहे हों और... Read more
सोलहवीं सदी में बागेश्वर गए थे गुरु नानकदेव जी
उत्तराखण्ड में सिख सम्प्रदाय का प्रसार -1 सिख मत के साथ उत्तराखंड का संपर्क इसके प्रवर्तक गुरु नानकदेव जी के समय में ही हो चुका था. ज्ञानी ज्ञानसिंह द्वारा लिखे गए ग्रन्थ ‘गुरु खालसा’ में वर... Read more
आजादी का आन्दोलन और इबलीस की खंभा प्रेस
अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास कितना भी किया जाए, लोग रास्ता निकाल ही लेंगे. ऐसा अंग्रेजों के जमाने में बरेली शहर में हुआ.ये वाकया है 1920 के बाद का, जब असयोग आंदोलन चला और ठंडा हो... Read more