जयानन्द भारती ने 6 सितम्बर को पौड़ी दरबार में लगाया था ‘गो बैक मैलकम हेली’ का नारा
सविनय अवज्ञा आन्दोनल के दूसरे दौर से पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका था. नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के कारण पौड़ी की जनता में असाधारण चुप्पी थी. इन दिनों संयुक्त... Read more
एक मिसाल है पहाड़ की यह बेटी
मेरे लिए वह एक प्यारी बहन है. मेरी अपनी बैणी. पहली बार उस लड़की से मिलिए तो उसमें आपको एक निहायत भोली और ठेठ पहाड़ी लड़की नज़र आएगी. सादगी से भरी उसकी शुरुआती बातें आपके पहले इम्प्रेशंस से मेल ख... Read more
कुमाऊनी लोकगायिका कबूतरी देवी (1945 – 7 जुलाई, 2018) ने सत्तर के दशक में अपने लोकगीतों से अपने लिए अलग जगह बनाई. साल 2016 में उत्तराखंडी लोक संगीत में अभूतपूर्व योगदान के लिए उत्तराखण... Read more
उत्तराखंड की काल कोठरी त्रासदी
उत्तराखण्ड में अनेक स्थानों पर सविनय अवज्ञा आन्दोलन ‘जंगलात आन्दोलन’ का रूप ले चुका था. पिथौरागढ़, लोहाघाट, चंपावत में जंगल सत्याग्रह तेजी से फैला. 1930 से 1932 के बीच पूरे राज्य... Read more
अल्मोड़े का झंडा सत्याग्रह
1930 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का पूरे देश में अलग-अलग स्वरूप था. उत्तराखंड में भी सविनय अवज्ञा आन्दोलन के विभिन्न रूप देखे गये. अल्मोड़े में तो सविनय अवज्ञा आन्दोलन आन्दोलन झंडा सत्याग्रह के... Read more
प्लूटो को फिर मिल सकता है ग्रह का दर्जा
बर्फीले बौने खगोलीय पिंड प्लूटो को फिर से ग्रह का दर्जा मिल सकता है. वैज्ञानिकों के एक समूह ने कहा है कि प्लूटो को सौरमंडल के एक ग्रह के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए. वैज्ञानिकों का मानन... Read more
एक नई ईजाद है पहाड़ में टैक्सियों का पल्टी सिस्टम
पहाड़ में कार, बस या टैक्सी से सफर करने पर सबसे बड़ा सिरदर्द है – जी मिचलाना या उल्टी होना. गाड़ी के पहाड़ चढ़ते ही कुछ लोगों को चक्कर आने लगते हैं और कुछ उल्टी करते-करते पस्त हो जाते हैं.... Read more
किर्जी महोत्सव की कथा
उत्सव शब्द ही अपने आप में हर्षो-उल्लास एवं खुशी को व्यक्त करता है. जब भी किसी उत्सव की बात होती है, तो लोगों के उत्साह सा दिखायी पड़ता है. उत्सव एक माध्यम है अपनी परम्परा व संस्कृति को दर्शान... Read more
महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनतीं ग्रामीण महिलाएं
जिंदगी की चुनौतियों से निबटने का जज्बा हो तो आप खुद के साथ कई औरों की जिंदगी में भी उम्मीद और हौसला भर देते हैं. अपनी मेहनत और लगन से खुद की ही नहीं दसियों अन्य महिलाओं की भी जिंदगी में रोशन... Read more
महात्मा गाँधी का कौसानी प्रवास
भारत की आजादी के आन्दोलन में उत्तराखण्ड के कुमाऊं का स्वर्णिम योगदान रहा है. 1921 के कुली बेगार जैसे आन्दोलनों में बागेश्वर के स्थानीय नागरिकों ने गजब की राष्ट्रीय चेतना का परिचय दिया. जिस स... Read more