सौ साल पुराने कुमाऊँ की तस्वीरें
एक ज़रूरी किताब कुमाऊँ (Kumaon) के बारे में 1905 में छपी ई. शर्मन ओकले (E. Sherman Oakley) की किताब ‘होली हिमालयाज: द रिलीजन, ट्रेडिशन्स, एंड सीनरी ऑफ़ हिमालयन प्रोविन्स’ (Holy Him... Read more
कालीचौड़ में देवी का सिद्ध पीठ
कालीचौड़ गौलापार में स्थित काली माता का प्रख्यात मंदिर है. हल्द्वानी से 10 किमी और काठगोदाम से 4 किमी की दूरी पर स्थापित कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से एक... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने: 66 पिछली कड़ी का लिंक: हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने- 65 हल्द्वानी (Haldwani) दूसरे अतिक्रमणकारी वे हैं जो भूमिहीन हैं, भवनहीन है और सरकार से मांग... Read more
असंख्य मेले लगते हैं हर साल उत्तराखंड में उत्तराखंड सरकार का संस्कृति मंत्रालय अपनी संस्कृति को बचाने के नाम पर करोड़ों का वार्षिक खर्च करता है. पोस्टर और अखबारी विज्ञापनों का खर्च इतना होता... Read more
नैनीताल के अवस्थी मास्साब
वह 1984 की गर्मियों के दिन थे और दिलकश नैनीताल हमेशा की तरह सैलानियों की गहमा-गहमी में डूबा हुआ था. पहाड़ के बाकी हिस्से में उत्तराखण्ड संघर्ष वाहिनी के `नशा नहीं रोजगार दो´ आंदोलन की बयार ब... Read more
जियारानी (Jiarani) कत्यूरी वंश की रानी थी. खैरागढ़ के कत्यूरी सम्राट प्रीतमदेव उनके पति हुआ करते थे. हल्द्वानी शहर, उत्तराखंड (uttarakhand) से लगभग चार किमी की दूरी पर रानीबाग स्थित है. यहाँ... Read more
बचपन की यादों का पिटारा घुघुतिया त्यार
[उत्तराखंड (Uttarakhand) में मनाया जाने वाला घुघुतिया त्यार (Ghughutiya)अब वैसे उत्साह से नहीं मनाया जाता. एक समय बच्चों के सबसे प्रिय त्यौहारों में शामिल घुघुतिया का आकर्षण आधुनिकता के साम... Read more
अनेक कथाएँ जुड़ी हैं घुघुतिया त्यौहार से
घुघुतिया त्यार के अनेक नाम उत्तराखंड में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) को घुघुतिया (Ghughutiya) संक्रांति या पुस्योड़िया संक्रांति भी कहते हैं. उत्तराखंड में इसके अन्य नाम मकरैण, उत्तरैण, घ... Read more
हल्द्वानी में उत्तरायणी के जुलूस की तस्वीरें
हल्द्वानी में निकलता है हर साल उत्तरायणी का जुलूस उत्तरायणी (Uttarayani) के अवसर पर हल्द्वानी (Haldwani) नगर में एक जुलूस (Procession) निकाला जाता है. इस मौके पर नगर और आसपास के लोगों की बड़ी... Read more
कुमाऊँ के बागेश्वर में सरयू-गोमती के संगम पर उत्तरायणी (Makar Sankranti) का विशाल मेला लगता है. इस उत्तरायणी मेले का पौराणिक, धार्मिक व व्यावसायिक महत्व होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व भी है.... Read more