नैनीताल में कल की दीवाली
अब देखिये नैनीताल में कल की दीवाली की जबरदस्त तस्वीरें. इन्हें हमारे स्टार फोटोग्राफर अमित साह ने नैनीताल से भेजा है. काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online फोटोग्राफर... Read more
वात्स्यायन के ‘कामसूत्र’ में मिलता है दीपावली उत्सव का पहला आधिकारिक उल्लेख
वात्स्यायन ने ‘कामसूत्र’ में लिखा है: “यक्षरात्रिरिति सुखरात्रि:,यक्षाणां तत्र सन्निधानात तत्र प्रायशो लोकस्य द्यूतक्रीड़ा”. (Vatsyayan Kamsutra and Deepawali) कार्ति... Read more
धनतेरस पर सिर्फ ढोल दमाउँ और मसकबीन खरीदने वाले इस पहाड़ी परिवार का कौन दीवाना न हो जाए
रक्षा अनुसंधान संस्थान देहरादून में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत डी पी त्रिपाठी का शौक अलग है, सपने भी और सपनों को अमली जामा पहनाने का अंदाज़ भी. तभी तो वो धनतेरस के दिन देहरादून से श्रीनगर जा... Read more
भोलानाथ कुमाऊं के सर्वाधिक पूज्य और लोकप्रिय देवताओं में से एक है. यह अनेक कुलों का इष्ट देवता है. इसकी स्त्री का नाम बरमी है. घरों में कोई शुभ कार्य प्रारम्भ करते समय इसे रोट-भेंट अवश्य चढ़... Read more
पिताजी का तबादला अगस्त, 1972 में जोशीमठ से काशीपुर हुआ था. पहाड़ से उतरकर पहली बार प्लेन्स देखा. हर चीज हमारे लिए नयी और अजूबी. रिक्शा, रेलगाड़ी, पिक्चर हाल, सरदार, गन्ना, गोलगप्पे, आइसक्रीम... Read more
‘आई एम पहाड़ी’ टी-शर्ट के पीछे मेहनत करने वाले उत्तराखंड के युवा रमन शैली को जानिये
एक पहाड़ी ऐसा भी जहाँ एक तरफ पहाड़ का युवा शहरों की तेज़ तर्रार भागती ज़िन्दगी का दीवाना है वहीं दूसरी तरफ 6 साल तक बैंगलोर में रहने के बाद भी इंजीनियर का तमगा छोड़ एक पहाड़ी युवा ने पहाड़ो... Read more
किसी शहर के भविष्य का आधार उसका युवा होता है. एक ऐसे समय जब पूरे विश्व भर में युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के नाम पर भाषण पिलाया जा रहा है उस समय पिथौरागढ़ में युवाओं का एक समूह ‘हरेला... Read more
गौलापार में दिग्गजों के बीच यूं ही नहीं चमका रवि
सफलता की कहानी यूं ही नहीं लिखी जाती. ईमानदारी से किए गए संघर्ष और कड़ी मेहनत ही सफलता की कहानी बयां कर देती है. आजकल राजनीति जिस दौर में पहुंच गई है, वहां केवल पहुंच, रसूख व धन का ही बोलबा... Read more
आजकल पहाड़ों में ही नहीं देश-विदेश में “फ्वां बाघा रे” गीत की बहुत चर्चा है. यह गीत इतिहास की एक असली कथा पर आधारित है. यह कथा एक ऐसे खूंखार बाघ की है जिसने आज से कोई सौ बरस पहले पिछली... Read more
मसाण, आंचरी, खबीस और ऐड़ी : कुमाऊं-गढ़वाल में निवास करने वाली पारलौकिक शक्तियां
मृत्यु के बाद आदमी कहां जाता है? इस प्रश्न ने मानव सभ्यता को हजारों सालों से असमंजस में डाला है. दुनिया भर में होने वाले अलग-अलग और अनूठे मृत-संस्कार और उनकी जटिल बारीकियां और विवरण इस बात क... Read more