वो दादी नानी के ज़माने
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree बचपन की मधुर यादें लेकर दादी नानी का वो ज़माना अक्सर याद आ जाता है. दादी नानी के वो ज़माने बेपनाह ममता के ख़ज़ाने थे.... Read more
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree 31 दिसम्बर के कलकत्ता इंग्लिशमैन में छपी एक खबर कि अलमोड़ा के निकट एक झील को खोजा गया है, पर संयोगवश ही मेरी नजर पड़ी. संभव... Read more
कटारमल का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree भारत में मंदिरों का इतिहास पुराना है पर असंख्य मंदिरों वाले इस देश में सूर्य मंदिर केवल दो ही हैं. पहला कोणार्क का सूर्य मं... Read more
केदारखंड: अदृश्य आंछरियों का रहस्यलोक
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree उन सम्मोहक और छलछलाते हुए कामरस से ओत-प्रोत दिव्य नारी स्वरूपों को आप कहेंगे जो किसी सुरम्य शिखर और पुष्पित उपत्यका, शांत स... Read more
कूर्मांचल की साहित्यिक परम्परा
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree भारत की संस्कृति में हिमालय का महत्वपूर्ण स्थान है. कालिदास साहित्य में हिमालय देवताओं की आत्मा और सत्यं शिवम् सुंदरम... Read more
हरेला किस दिन बोया जाना है
उत्तराखंड के पहाड़ी समाज द्वारा मनाये जाने वाले लोकपर्वों में सबसे महत्वपूर्ण लोकपर्व में एक है हरेला. प्रकृति से जुड़ा यह लोकपर्व है साल में तीन बार मनाया जाता है. आने वाली 17 तारीख़ को इस... Read more
लैंसडाउन पर 1987 में प्रकाशित एक दिलचस्प लेख
उत्तर रेलवे के कोटद्वार स्टेशन से 42 कि०मी० पुरातन शहर दुगड्डा से 27 कि०मी० उत्तर में 136 पुरानी छावनी युक्त एक छोटा किन्तु सुन्दर नगर लेन्सडौन लगभग 1780 मी० की ऊंचाई पर बसा है. लैन्सडोन का... Read more
साल 1929 में गांधीजी अपनी पर्वतीय यात्रा पर थे. दो दिन ताड़ीखेत में रहने के बाद अल्मोड़ा अगला पड़ाव था. अल्मोड़ा में स्थानीय म्युनिसिपलिटी की ओर से गांधीजी को एक मानपत्र दिया गया. हिन्दी में... Read more
कल गंगा दशहरा है
इस वर्ष गंगा दशहरा 30 मई के दिन पड़ रहा है. पहाड़ों में इसे दसार या दसौर भी कहते हैं. इस दिन कुमाऊं क्षेत्र के हिस्सों में घरों के मुख्य दरवाजों के ऊपर और मंदिरों में गंगा दशहरा पत्र लगाया ज... Read more
रंवाई के उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट नगरपालिका के अन्तर्गत यमुना नदी के तट पर बसा हुआ एक स्थान है तिलाड़ी जो अपने नैसर्गिक सौंदर्य और सघन वन संपदा के लिए प्रसिद्ध है किंतु दुख कि बात है कि तिला... Read more