उत्तराखण्ड के सीमांत जिले चम्पावत से 28 किमी दूर और नेपाल की सीमा से लगे हुए गुमदेश क्षेत्र में एक खूबसूरत कस्बा है पुलहिंडोला संक्षेप में इसे पुल्ला नाम से जाना जाता है. पुलहिंडोला की आबादी... Read more
ब्रितानी राज में कुमाऊं के हिम्मती कारोबारी ठाकुर गोपाल सिंह के साहस की दास्तान
ये दास्तां है 1931 की जब हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर ठाकुर गोपाल सिंह की हल्द्वानी से रानीखेत तक मोटर बस लॉरी चला करती थी. उस ज़माने में मोटर गाड़ी खरीदने के लिए कई तरह की शर्ते थीं, इसलिए उन... Read more
विगत 9 दिसम्बर को गरुड़ वाले चाचा आ गए ,चाची को साथ लेकर. हम उन्हें गरुड़ वाले चाचा कहते हैं. दरअस्ल वह गरुड़ और डंगोली के बीच कोटफुलवारी गांव में रहते हैं जहां प्रसिद्ध कोटभ्रामरी देव... Read more
कल मेरा एनिमल डे है और बेटे का एनुअल डे
जन्मदिन से पहले दिन का वाकया कल (चौदह दिसंबर) नचिकेता (मेरे छोटे बेटे) का ऐनुअल डे है और मेरा जन्मदिन. कई दिनों से उत्साहित है. स्कूल जाते हुए उसे अभी छह महीने हुए हैं. इसलिए शायद ओवरएक्साइट... Read more
गांव सिरसोली की पार्वती देवी से लेकर शिकागो यूनिवर्सिटी तक एकमत हैं मेहमाननवाजी को लेकर
वह भी क्या दौर था, जब मेहमानों के आते ही खुशी छा जाती थी. अतिथि देवो भव की सनातन परंपरा का बखूबी निर्वहन हुआ करता था. परिवार का हर सदस्य अतिथि के स्वागत-सत्कार के लिए आतुर हो उठता था. मेहमान... Read more
पर्वत पुत्र और हिल क्वीन
शस्यश्यामला देवभूमि की सड़क से साढ़े छत्तीस डिग्री का कोण बनाती सवारियों से लदी केमू की यह बस हल्द्वानी टेढ़ी पुलिया पर मेरे दाएं कंधे को फ्लाइंग भुक्की देती निकल गयी. दिमाग़ ने कहा लै फ़ोटो... Read more
चितई का गोलू देवता मंदिर
कुमाऊं के अनेक प्रतिष्ठित देवता हैं— जैसे गोलू, हरू, सैम, ऐरी, गंगनाथ, भोलानाथ, कलबिष्ट, चौमू, भूमिया आदि. ये सभी मध्यकाल के उदार और आदर्शवादी शासक हुआ करते थे जो अपनी क्षेत्री सीमाओं पर विज... Read more
पहाड़ों में पूर्णिमा के दिन अक्सर मेलों का आयोजन होता है. कल भी चतुर्दशी के दिन पिथौरागढ़ के कनार गांव में भगवती के मंदिर में मेले का आयोजन किया गया. Photos of Bhgwati Mandir kanar Village कना... Read more
जब नैनीताल की बहुमूल्य विरासत जलकर खाक हो गयी
1962 में डॉक्टर हेमचंद्र जोशी जाड़ों में नैनीताल से हल्द्वानी रहने आया करते थे और कालाढूंगी रोड स्थित पीतांबर पंत के मकान में टिका करते थे. वे बहुत वृद्ध हो गए थे और उनकी आंखें बहुत कमजोर हो... Read more
हिमालय पुत्र प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया
‘सबकी अपनी जीवन कहानी होती है और सबका अपना संघर्ष होता है, सबके अपने सौभाग्य और सफलताएं होती हैं, तो अवरोध और असफलताएं भी. फिर भी हर जीवन अपने जमाने से प्रभावित होता है. अनेक जीवन अपने जमाने... Read more