भाबर क्षेत्र में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं हीरा बल्लभ पांडे
आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंके बजा रहा है उसकी शुरुआत हीरा बल्लभ पांडे जी द्वारा की गई थी. स्वर्गीय हीरा बल्लभ पांडे भाबर क्षेत्र... Read more
रूप दुर्गापाल टेलीविजन के रुपहले परदे की जानी-मानी अदाकारा हैं. मूल रूप से अल्मोड़ा की रहने वाली रूप दुर्गापाल ने अपनी प्रतिभा के दम पर बहुत कम समय में अभिनय की दुनिया में अच्छा नाम बनाया है... Read more
आज शुरू हुए जौलजीबी मेले की एक्सक्लूसिव तस्वीरें
पिथौरागढ़ जिले में आज जौलजीबी के मेले का आयोजन किया गया. जौलजीबी कस्बा पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 68 किमी की दूरी पर बसा है. जौलजीबी कस्बा गोरी और काली नदी के संगम पर बसा है. Jauljibi Mela 201... Read more
ऐसे खराब माहौल में कैसे नैनीताल के बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी जाएं
आज बाल दिवस है और इसकी शुभकामनाएं देनी चाहिए. मैंने बचपन से ही नैनीताल को वक़्त के साथ बदलते हुए देखा है पर पिछले 3-4 साल से यहाँ जो हो रहा है उसे देखकर दुख और गुस्सा दोनों है. Drug addicted... Read more
जो काम राज्य सरकार आज करने को कह रही है, अमर सिंह रावत उसे नब्बे साल पहले कर चुके थे
[फेसबुक में उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री के साथ मंत्रीजनों को कंडाली/सिसोंण से बनाई ‘फतकी’ पहने मधुर मुस्कराती फोटो देखी तो मन में आया इस संदर्भ में यह भी बयान कर दूं –... Read more
शाहजहाँ के राज्याभिषेक का समय था भारत के बड़े-बड़े राजा उसके दरबार में नतमस्तक होने गए थे लेकिन गढ़वाल के स्वाभिमानी राजा महीपतिशाह राज्याभिषेक में सम्मिलित न हुए. शाहजहाँ तभी से महीपतिशाह के प... Read more
दुनिया भर के लोगों के लिये एक मिसाल पेश कर रहे हैं पिथौरागढ़ के पातों गांव के लोग
उत्तराखंड के मानचित्र में मुनस्यारी को एक दूरस्थ क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जाता है. मुनस्यारी मुख्यालय से करीब 25 किमी की दूरी पर एक गांव है पातों. पातों गांव में आज भी सड़क नहीं जाती ह... Read more
पिरूल के व्यावसायिक उपयोग से फायदे ही फायदे
उत्तराखण्ड में 500 से 2200 मीटर की ऊॅचाई पर बहुतायत से पाये जाने वाले चीड़ के पेड़ों की पत्तियों को पिरूल नाम से जाना जाता है. उत्तराखण्ड वन सम्पदा के क्षेत्र में समृद्ध तो है ही, साथ ही चीड... Read more
कत्यूरी राजवंश ने उत्तराखण्ड पर लगभग तीन शताब्दियों तक एकछत्र राज किया. कत्यूरी राजवंश की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने अजेय मानी जाने वाली मगध की विजयवाहिनी को घुटने टेक... Read more
पीछे छूटता पहाड़
आम लोगों के संघर्ष, आंदोलन और उनकी शहादत से जन्मा ‘उत्तराखंड’ हमारे देश के राजनैतिक मानचित्र में एक राज्य के रुप में उभरा तो जरुर है परन्तु सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से विकसित राज्य... Read more