1928 में नैनीताल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर जे. एम. क्ले द्वारा एक किताब ‘नैनीताल: अ हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिपटिव अकाउंट’ प्रकाशित की गयी थी. इसके पहले अध्याय को नैनीताल के तत्कालीन असिस्टेंट... Read more
पहाड़ी तकिया कलाम नहीं वाणी की चतुरता की नायाब मिसाल है ठैरा और बल का इस्तेमाल
आम पहाड़ियों में ठैरा और बल शब्द जाने-अनजाने उनका पीछा नहीं छोड़ते. सुदूर महानगरों में रहने वाले लोग भी जो पैदायशी उत्तराखण्डी हों हिन्दी बोलते वक्त भी इन शब्दों के यदा कदा प्रयोग करने पर उ... Read more
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली (25 दिसम्बर, 1891 – 1 अक्टूबर 1979) भारत सरकार ने 1994 में उनकी फोटू वाला एक डाक टिकट जारी किया और नामकरण किये जाने से छूट गईं एकाध सड़कों के नाम उनके नाम पर रख... Read more
आजकल प्रायः कुमाऊँ इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए उल्लेख होने वाले द्वाराहाट नगर के सम्बन्ध में किवदंती रही है कि कुमाऊँ के द्वाराहाट क्षेत्र को देवता, उत्तर की द्वारिका बनाना चाहते थे परन्तु बाधा... Read more
क्रिसमस ट्री : सिर्फ पेड़ नहीं, परम पिता परमेश्वर में हमारी आस्था व विश्वास का प्रतीक
क्रिसमस का त्यौहार आ गया है. आइए, आज ‘क्रिसमस ट्री’ की बात करते हैं. (Christmas tree Deven Mewari) क्रिसमस ट्री यानी वही हरा-भरा, प्यारा-सा पौधा जिसे क्रिसमस यानी बड़े दिन के त्योहार पर घर म... Read more
कहते हैं पहाड़ियों का भाग, भागकर ही जागता है
प्रवास अर्थात अपने मुल्क से दूर गैर मुल्क में बस जाना. ये गैर मुल्क अपने देश में भी हो सकता है और विदेश में भी. वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 3 प्रतिशत लोग विदेश में प्रवास... Read more
उत्तराखण्ड का पारंपरिक पहनावा और जेवर
पहाड़ में नंगा सर रहना बुरा समझा जाता था. सर में टोपी डालने का चलन था. कम हैसियत वाले धोती बांधते. मलेसिया और जूट के पजामे और कुरता बनता. खादी और सूती कपड़ा खूब चलन में था. सुराव, मिरजई, फतु... Read more
सौतिया-बाँट, भाई-बाँट : विधवाओं को उत्तराधिकार देने वाले कुमाऊँ के सामाजिक कानून
समाज में विधवा स्त्री के त्याज्य तथा अस्वीकार्य माने जाने की ऐतिहासिक सामाजिक विकृति, देश के एक बड़े हिस्से में विधवाओं के सती होने की कुप्रथा के प्रचलन से ही स्पष्ट होती है. इस पर काफी कुछ... Read more
कुमाऊं में बैठकी होली शुरू हो गई है
बीते रविवार से पूरे कुमाऊं में बैठकी होली शुरू हो चुकी है. सुनने में बड़ा अटपटा है क्योंकि देश और दुनिया के लिये अभी होली आने में पूरे तीन महीने बाकि हैं. लेकिन बीते हुए कल से या यानि पौष माह... Read more
पिथौरागढ़ के देवसिंह फील्ड का नाश करने एकबार फिर वापसी हुई है शरदोत्सव की
पिथौरागढ़ जिले के बीच में एक मैदान है दुनिया इसे देवसिंह फील्ड नाम से जानती है. दुनिया जानती है इसलिये कहा जा रहा है क्योंकि इस फील्ड ने अंतराष्ट्रीय स्तर के न जाने कितने खिलाड़ी दिये हैं और स... Read more