कुमाऊँ में कपड़े और रस्सियाँ बनाने के लिए रेशा निकालने के परम्परागत तौर-तरीक़े
पहनावा या वेशभूषा किसी भी समाज की सांस्कृतिक पहचान है. कुमाऊँ के ठण्डे मौसम में अच्छे गर्म वस्त्रों का उपयोग और भी ज्यादा जरूरी रहा है. इसीलिए वस्त्रों का चलन यहाँ प्रागैतिहासिक काल से ही रह... Read more
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा
आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ खै जा,मैकेणी म्येर इजैकी की खबर दी जा.आ कौआ आ, घुघुती कौ बड़ ली जा,मैकेणी म्येर घर गौं की खबर दी जा.आ कौआ,अपण दगड़ी और लै पंछी ल्या,सबुकैं घुघुती त्यारै की खबर दी आ. इ... Read more
इतिहास का विषय बन चुकी हैं उत्तराखण्ड के पर्वतीय अंचलों की पारम्परिक पोशाकें
विश्व के अन्य भागों की भाँति ही उत्तराखण्ड की संस्कृति भी अपने आप में समृद्ध रही है, परन्तु आधुनिकता की चकाचौंध में दिन-प्रतिदिन इसकी चमक धूमिल होती जा रही है. शिक्षा और जागरुकता का प्रभाव य... Read more
व्यासऋकी (व्यास ऋषि) पूजा परंपरा, कल और आज
परिचय- ‘‘नमोस्तु ते व्यास विशालबुद्धे, फुल्लारविन्दायतपत्रनेत्र:. येन त्वया भारततैलपूर्ण: प्रज्ज्वालितो ज्ञानमयप्रदीप:..’’ अर्थात:- जिन्होंने महाभारत रूपी ज्ञान के दीप को प्रज्वलित किया ऐसे... Read more
उत्तराखण्ड में टोपी पहनने का चलन कब शुरू हुआ?
सर्द मौसम है कभी बादल सूर्य को आगोश में ले लेते हैं कभी सूरज देवता बादलों को पछाड़कर धूप फेंकते यहां वहां नज़र आ जाते हैं, कभी पेड़ों के झुरमुट में, कभी आसमान में प्रचंड चमकते, कभी खेतों के प... Read more
आज से 60-70 वर्ष पूर्व हमारी पीढ़ी के लोगों ने कुमाऊँ की पावन भूमि के जिस सांस्कृतिक वातावरण में प्रथम श्वास ली थी तथा किंचित् होश संभालने के साथ ही जिन परम्परागत सांस्कृतिक तत्त्वों को अपने... Read more
कुमाऊनी लोक साहित्य में संस्कार गीत
आप काफल ट्री की आर्थिक मदद कर सकते हैं संस्कार गीत संस्कार सम्बन्धी लोक गीत महिलाओं द्वारा गाये जाते हैं. यह प्रत्येक शुभ अवसर पर बच्चे के जन्म से लेकर यज्ञोपवीत, विवाह आदि जीवन से... Read more
आज से लगेगा जौलजीबी का मेला
अब तो यह बीते बरसों की बात रही पर कभी जौलजीबी का मेला इलाके का सबसे बड़ा व्यापारिक मेला हुआ करता था. तीन देशों तिब्बत, नेपाल और भारत की साझी संस्कृति सजती काली और गोरी के संगम पर. जौलजीबी के... Read more
कहने को तो माहवारी प्रकृति की देन है, परन्तु लोगो ने इसे परंपरा से ऐसा बांधा है कि यह गांठ खुलने का नाम ही नही ले रही है. इसके नाम पर महिलाओं और किशोरियों के साथ शोषण का सिलसिला सदियों से अन... Read more
कुमाऊं में दीवाली का आखिरी दिन होता है आज
आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन है. उत्तराखंड के गावों में कार्तिक महीने की एकादशी बड़ी पावन मानी जाती है. पहाड़ों में आज का दिन पुरानी दीवाली, इगास, तुलसी एकादशी या बल्दिया एकादशी जै... Read more