मुजफ्फरनगर काण्ड को 25 बरस बीत गये हैं. अगले महीने उत्तराखण्ड पूरे 19 साल का जायेगा लेकिन वह उसी तरह न्याय के लिये के खड़ा मिलेगा जैसे 25 साल पहले था. प्रदेश के शहीदों को इन 25 सालों में न तो... Read more
गांधी जयन्ती पर कुछ दुर्लभ कार्टून
गांधी जयन्ती पर इन दुर्लभ कार्टून्स को उपलब्ध करवाया है हमारी स्तंभकार/ फोटोग्राफर विनीता यशस्वी ने. इन्हें बरसों पहले 1970 में अहमदाबाद के नवजीवन प्रकाशन मंदिर द्वारा प्रकाशित पुस्तक... Read more
1937 के आम चुनाव और उत्तराखण्ड
1935 के भारतीय शासन अधिनियम के अंतर्गत सन 1936 ई. में आम चुनाव की तैयारी होने लगी. 1 अगस्त 1936 ई. को नेताओं की अपीलों के साथ चुनाव आन्दोलन का श्रीगणेश हुआ. उसी दिन लोकमान्य तिलक की पुण्य ति... Read more
उत्तराखण्ड का इतिहास भाग- 4
उत्तराखण्ड की प्रमुख पुरा प्रजातियाँ- उत्तराखंड सदियों से ही मानव आवास के लिये उपयोग में आती रही है. यहाँ की सौन्दर्यमय घाटियाँ, प्राकृतिक वनस्पतियों से समृद्ध पर्वत, जल से भरपूर नदियाँ, शां... Read more
1994 में मुजफ्फरनगर की अमानवीय घटना घट चुकी थी और संभवतः आजादी के बाद पहली बार उत्तराखंड के छोटे-छोटे कस्बों में कर्फ्यू लगा था. उत्तराखंड के सीधे-साधे ग्रामीण और कस्बेवासियों के लिये नित्ता... Read more
13 कुमाऊं रेजीमेंट के शौर्य व पराक्रम पर लिखा गया गीत ‘वो झेल रहे थे गोली’
24 अक्टूबर 1962, को चीनी आक्रमण के चलते रेजांगला की सुरक्षा का जिम्मा 13 कुमाऊं रेजीमेंट की सी (चार्ली) कंपनी को सौंप दिया गया. रेजांगला लद्दाख के चुशूल सेक्टर में 18 हजार फुट की बर्फीली ऊंच... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने – 16
आज का नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड जिस शान से खड़ा है और अपने कारोबार के डंक के बजा रहा है उसकी शुरुआत हीरा बल्लभ पांडे जी द्वारा की गई थी. स्वर्गीय हीरा बल्लभ पांडे भाबर क्षेत... Read more
गढ़वाल रायफल्स और प्रथम विश्व युद्ध
प्रथम विश्व युद्ध में गढ़वालियों ने अपना पराक्रम दिखाकर देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को चकित कर दिया था. मेरठ डिवीजन की उनकी दोनों बटालियनों को गढ़वाल ब्रिगेड के नाम से फ्रांस भेजा गया. वहां प... Read more
कुमाऊं के इतिहास का एक और विस्मृत पृष्ठ- 3
नीलू कठायत- दूसरे दिन तड़के ही जस्सा राजप्रसाद पहुंचे. महाराज को बतलाया की नीलू कठायत महरों के साथ मिलकर एक घोर षड्यंत्र की योजना बना रहा है. उसके दोनों लड़के संयोग से कल रात मुझे मिल गए. मा... Read more
डॉ. राम सिंह की स्मृति: अपने कर्म एवं विचारों में एक अद्वितीय बौद्धिक श्रमिक
10 अक्टूबर 2016 को दिवंगत हुए पिथौरागढ़ में रहने वाले अद्वितीय मनीषी और कर्मठ विद्वान डॉ. राम सिंह ने उत्तराखंड के इतिहास पर अद्वुतीय कार्य किया था. इस महाप्रतिभा को याद कर रहे हैं हमारे साथी... Read more