पहाड़ों में पलायन का मनोवैज्ञानिक पहलू
पहाड़ों के दर्द की एक पुरानी कहावत है “पहाड़ों की जवानी, मिट्टी औऱ पानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती”. आज भी उत्तराखंड की यही दशा औऱ दिशा बरकरार है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों... Read more
चम्पावत के सूखीढांग इंटर कॉलेज में सवर्ण छात्रों द्वारा दलित भोजन माता के हाथों बना मिड डे मील के बहिष्कार के बाद मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित तो हुआ ही इस मसले पर नए मोड़ सामने आ रहे हैं.... Read more
गांव के उन रास्तों पर अब कोई नहीं चलता
छोटी-छोटी सड़कों ने पहाड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. इन सड़कों के कारण तमाम रास्ते बंद हो गए जो पहाड़ में समाज को जोड़ा करते थे. इन रास्तों से चलकर ही खुशी-गमी की खबरें एक गांव से दूसरे ग... Read more
पक्की सड़क से जुड़ चुका गांव अब गांव सा नहीं रहा
अब गांव, गांव सा नहीं रहा, गांव पक्की सड़क से जुड़ चुका है अंग्रेजी स्कूल खुल चुके हैं अब बच्चे नमस्कार प्रणाम भूल कर गुड मॉर्निंग कहने लगे हैं. खाना (ब्रेकफ़ास्ट -लंच-डिनर) में बदल चुका है.... Read more
छलिया नृत्य और उत्तराखंड एक दूसरे के पूरक बन चुके हैं. छलिया नृत्य जिसे हिन्दी में छोलिया नृत्य कहा जाता है उत्तराखंड का पारम्परिक नृत्य है. दो एक दशक पूर्व उत्तराखंड के समाज में होने वाली श... Read more
विपरीत परिस्थितियों में भी उत्तराखण्ड की कई महिलाओं ने राष्ट्रीय पटल पर सशक्त हस्ताक्षर किये हैं. इनमें से एक हैं चंद्रप्रभा ऐतवाल. चंद्रप्रभा 24 दिसंबर 1941 को उत्तराखण्ड के सीमान्त जिले के... Read more
आज पहाड़ के गांधी का जन्मदिन है
इन्द्रमणि बडोनी का जन्म टिहरी गढ़वाल जिले के अखोड़ी गांव (घनसाली) में 24 दिसम्बर 1924 को हुआ था. उनके पिताजी का नाम सुरेशानंद बडोनी और माँ का नाम कालू देवी था. यह एक बहुत ही गरीब परिवार था.... Read more
उत्तराखण्ड की बहुपति विवाह प्रथा
उत्तराखण्ड के पश्चिमी टिहरी और जौनसार बावर क्षेत्र में कभी बहुपति प्रथा खासे चलन में थी. इस प्रथा में सबसे बड़े भाई का विवाह होने पर उसकी पत्नी समान अधिकार के साथ सभी छोटे भाइयों की भी पत्नी... Read more
पहाड़ के बच्चों को जरा सी उजली रौशनी मिले तो वह कितनी लम्बी छलांग लगा सकते हैं इसके अनेक उदाहरण आज देश और दुनिया में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अनेक पहाड़ी हैं. संघर्ष की तपिश में गर्मा उनका अन... Read more
दादी-नानी के नुस्खे वाली पंजीरी घर पर ऐसे बनायें
जाड़ों का मौसम हो तो अक्सर हमें गर्म तासीर वाली चीजों की आवश्यकता महसूस होने लगती है. विशेष रूप से नवप्रसूता महिलाओं के लिए पंजीरी एक ऐसा व्यंजन है जो उनके शरीर को न केवल ठण्ड से बचाता है, ब... Read more