‘कुमाऊँ का होली गायन : लोक एवं शास्त्र’ के लेखक डॉ पंकज उप्रेती से बातचीत
देवभूमि उत्तराखंड के हर क्षेत्र में डेढ़ सौ साल से भी अधिक समय से शास्त्रीय संगीत पर आधारित बैठकी होली गायन की परंपरा से चली आ रही है. यहां शीतकाल के पौष मास के प्रथम रविवार से गणपति की वंदन... Read more
भिखारी राजा और दयालु युवक: एक प्रेरक कथा
एक बार की बात है प्राचीन भारत के एक राज्य में एक बहुत नेकदिल राजा राज करता था. उस राजा की कोई संतान न थी जिसे कि वह अपना उत्तराधिकारी बनाता. राजा बूढ़ा होता जा रहा था. वह एक सुयोग्य उत्तराधि... Read more
ललित मोहन रयाल का नया उपन्यास ‘चाकरी चतुरंग’
व्यावहारिक- सामाजिक सन्दर्भों में ‘व्यवस्था’ का दृश्य-अदृश्य जितना व्यापक प्रभाव है साहित्यिक-सामाजिक विमर्श में ये उतना ही सामान्यीकृत पद है. इसे लेकर विवेचन के सन्दर्भ बहुत संक... Read more
‘पूस की रात’ दर्द और दोस्ती की कहानी
हल्कू ने आकर स्त्री से कहा- सहना आया है, लाओ, जो रुपये रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे. मुन्नी झाड़ू लगा रही थी. पीछे फिरकर बोली- तीन ही तो रुपये हैं, दे दोगे तो कम्मल कहाँ से आवेग... Read more
पिथौरागढ़ नगर से जुड़े कुछ रोचक पहलू
पिथौरागढ़ का मुख्य बाजार पुराना बाजार था जो शिवालय मंदिर से प्रारंभ होकर नेहरु चौक तक की सीढियों तक था. इसमें मुख्य रूप से पपदेऊ और पितरौटा के स्वर्णकारों की दुकान, शाह एवं खत्रीयों की मिठाई... Read more
इस वजह से ‘गिनीज बुक’ में दर्ज है चम्पावत का नाम
इस बात के विषय में कम लोगों को ही जानकारी है कि चम्पावत जिले का नाम गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड में दर्ज है. गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड की ऑफिशियल वेबसाईट पर यह रिकार्ड आज भी देखा जा सकता है. बात 1900... Read more
असल पहाड़ी ही जानता है भांग के ऐसे गुण
आज बात हो जाय भांग की और भांग के उस पक्ष की जिसे पहाड़ी आदमी तो बखूबी समझता, जानता है पर मैदानी लोगों के लिए नया है. अक्सर भांग को एक नशा करने वाली चीज ही समझा जाता है. पर भांग तो पहाड़ की ए... Read more
देश की सेना के शौर्य परम्परा की गौरवपूर्ण गाथा में 16 दिसम्बर 1971 का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया, जब देश के रणबांकुरों ने सीमाओं पर दुश्मन के दांत खट्टे कर इतिहास रच डाला. विश्व के... Read more
कृश्न चंदर की कहानी : जामुन का पेड़
रात को बड़े ज़ोर का झक्कड़ (आंधी) चला. सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक दरख़्त गिर पड़ा. सुबह जब माली ने देखा तो इसे मालूम पड़ा कि दरख़्त के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है. (krishan Chanders S... Read more
उत्तराखंड की पहली प्रकाशक बिटिया
अप्रत्याशित खबर की तरह हिंदी समाज की जुबान पर ‘दून लिटरेचर फेस्टिबल 2016’ छा गया. मुख्य परिकल्पना उत्तराखंड की दो बेटियों – गीता गैरोला और रानू बिष्ट – की थी जिनके कारोबारी हाथों के रूप में... Read more