गोविन्द राम काला का परिचय यूं दिया जा सकता है कि वे उत्तराखंड के उन चुने हुए लोगों में से थे जिन्होंने 1911 में ही इन्टरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली थी. उस ज़माने में इतनी शैक्षिक योग्यता बहुत... Read more
लोकथात व परंपरा का संगम स्थल : थल
मानसरोवर के निचले भागों में सरिता रूप लेने के क्रम में बांसबगड़, बिरथी, मुनस्यारी, नाचनी, हुबुली, बाघी क्विटी, झिनियां व बंजाणी की छोटी गाड़ें व नाले आकर मिलते हैं रामगंगा में. पुगाराऊं के स्य... Read more
किशोर कुमार की सदाबहार फिल्म चलती का नाम गाड़ी
हिंदी सिनेमा में सही मायने में अगर क्लासिक फिल्मों की बात की जाय, तो चलती का नाम गाड़ी (Chalti Ka Naam Gaadi) सभी मानदंडों पर खरी उतरती है. कहा तो यह भी जाता है कि, किशोर कुमार ने इस फिल्म क... Read more
चीर बंधन के साथ होती है खड़ी होली की शुरुआत
कुमाऊनी होली में है ब्रज का प्रभाव कुमाऊँ में अधिकतर त्यौहार मौसम चक्र के बदलने या फिर फसलों को बोने या फिर उन्हें काटने के बाद ही मनाये जाते रहे हैं. इस तरह हमारे त्यौहार हमें जीवन चक्र की... Read more
ललित मोहन रयाल की नई किताब
कलुष पुंज कुंजर मृगराऊ [ललित मोहन रयाल (Lalit Mohan Rayal) कृत ‘अथश्री प्रयाग कथा’ के बहाने प्रयाग के ‘बहबूद के सामाँ’* की पड़ताल] -अमित श्रीवास्तव तुलसीदास जी कहते हैं हाथी के बराबर बड़े पापो... Read more
विक्की कि विकसवा कि विक्किया
विकसवा बहुत नाराज़ था. नाराज़ होने की बात ही ठहरी. बिचारा कब से इधर-उधर चक्कर काट रहा था. रात बिताने की जगह नहीं थी. सर छुपाने की जगह नहीं थी. उधर से जब चला था तो उसको नाम पता सब दिया गया था.... Read more
एक कुमाऊनी गाँव में आज की फूलदेई – फोटो निबंध
आज थी फूलदेई उत्तराखंड के पहाड़ों में आज फूलदेई मनाई गयी. फूलदेई वसंत के आगमन पर व्यक्त की जाने वाली प्रसन्नता का उत्सव है. यह समय शीत की सिहरन से बाहर निकल कर धूप के स्वागत और फूलों के पल्लव... Read more
बच्चों के हर्ष व उल्लास का त्यौहार है फूलदेई
सांस्कृतिक विविधता के मामले में उत्तराखण्ड की अपनी एक अलग पहचान है. यहां हर महीने कोई न कोई त्यौहार मनाया ही जाता है, जिनमें से कई बदलती जीवन शैली के कारण अब लुप्त होने की कगार तक पहुँच गए ह... Read more
लीलाधर जगूड़ी को वर्ष-2018 का व्यास सम्मान
प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी जी को उनकी काव्य रचना ‘जितने लोग उतना प्रेम’ के लिए अखिल भारतीय बिड़ला फाउंडेशन का इस वर्ष का व्यास सम्मान दिया गया है. जगूड़ी जी की कविता, एक बने बनाए शिल्प और आजमा... Read more
फूलदेई: बाजार की मार से हांफता त्यौहार
बात ज्यादा पुरानी भी नहीं है. उत्तराखण्ड के पहाड़ की तलहटी पर कुछ बसावटें कस्बे के सांचे में ढल रही थी. ये कस्बे तिजारत के अड्डों से ज्यादा कुछ नहीं थे. इनमें ज्यादातर पहाड़ी लोग ही आ बसे थे.... Read more