कांवड़ का बदलता स्वरूप
सावन का महीना शिवपूजा के लिए इसलिए पवित्र और महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि सावन माह में पार्वती जी ने तपस्या की सफलता से ही शिव को प्राप्त किया था. तब से ही शिव इस माह अपने प्रेमी / भक्तों... Read more
पहाड़ियों को बहुत प्रिय है घुघूती
पहाड़ों में जिन पक्षियों ने जनमानस को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उनमें से एक है घुघूती. इससे जुड़े गीतों किस्से कहानियों किवदंतियों से शायद ही उत्तराखंड का कोई हिस्सा अछूता रहा हो. यह आकार... Read more
गौला नदी: नैनीताल जिले की जीवनरेखा
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल की हल्द्वानी तहसील की सबसे बड़ी नदी है गौला. नैनीताल जिले के खासे भूभाग की सिंचाई और पेयजल के लिए पानी गौला से ही प्राप्त होता है. यह कहना गलत न होगा कि एक बड़े क्ष... Read more
छिपलाकेदार: फूलों की घाटी और ब्रह्म कमल के मैदान
नेपाल व तिब्बत से सटे सीमान्त जनपद पिथौरागढ़ की मुनस्यारी व धारचूला तहसील के बीच स्थित है छिपलाकेदार. हिमाच्छादित चोटियों को पृष्ठभूमि में लिए 14 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित यह नैसर्गिक बुग्य... Read more
पहाड़ी खून में है पहाड़ी नूण
अपना मित्र और पूर्व में सहकर्मी रहा शमशेर नेगी एक बड़ी मजेदार बात कहा करता है- “जिसने नहीं खाया पहाड़ी नूण, उसमें नहीं पहाड़ी खून.” बंदे की बात में दम तो है. कोई परिवार चाहे पहाड... Read more
इन दिनों भारत सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली बहु-प्रतीक्षित कैलाश- मानसरोवर यात्रा चल रही है. दिल्ली से शुरू होने वाली इस मुश्किल यात्रा में सीमित संख्या में यात्रियों का चयन किया जाता है... Read more
हल चलाना, नौले से फौले में पानी भरकर लाना और घोघे की रोटी मक्खन, नून के साथ खाना
पहाड़ और मेरा जीवन – 42 पिछली कड़ी: एक कमरा, दो भाई और उनके बीच कभी-कभार होती हाथापाई हम सबकी जड़ें गांवों में हैं, लेकिन सबने वहां का जीवन नहीं देखा. मैं अपने गांव के बहुत करीब रहा, ल... Read more
एक गाँव से बैसी-जागर का आँखों देखा हाल
आजकल कई गांवों में बैसी-जागर टाईप का कुछ पूजा-नृत्य गांव की धूनियों में हो रहा है. बाहर बसे परदेसी भी गांव में आकर खूब श्रद्वा भाव दिखाने में मग्न हैं. धूनी को चमका रखा है. बाकायदा बैसी-जागर... Read more
गढ़वाल के राजा मान शाह और सुरजू डंगवाल की लोककथा
एक समय की बात है, बहादुर शाह नाम का व्यक्ति गढ़वाल में राज करता था. उसके राज्य की राजधानी श्रीनगर थी, उसकी मुत्यु के बाद उसका पुत्र मान शाह गद्दीनशीं हुआ. उसकी ताजपोशी के समारोह के लिए मान श... Read more
शिव को समर्पित सावन
शिव का अर्थ है कल्याणकारी. लिंग का अर्थ है सृजन. एक विशाल लैंगिक अंडाशय जिसका अर्थ है ब्रह्मांड. उल्कापिंड सा काला अंडाकार आकार ज्योतिर्लिंग कहा गया.(Savan dedicated to Shiva) शिव स्वयंभू है... Read more