वर्ष 1930. नैनीताल में विमला देवी, जानकी देवी साह, शकुन्तला देवी (मूसी), भागीरथी देवी, पद्मा देवी जोशी तथा सावित्री देवी स्वाधीनता आन्दोलन में बहुत सक्रिय थीं. यही साल था जब विमला देवी ने ‘ब... Read more
ये कहानी है दीए की और तूफान की
निर्बल से लड़ाई बलवान की… ये कहानी है दीए और तूफान की… एक रात अंधियारी थी दिशाएं कारी-कारी मंद-मंद पवन था, चल रहा अंधियारे को मिटाने, जग में जोत जगाने इक छोटा सा दीया था कहीं जल... Read more
हल्द्वानी के टॉमी बाबू और उनका मुक्का
उस दिन इत्तेफ़ाक़न अपने दोस्त आलोक के घर जाना हुआ. कुछ सालों बाद. (Tommy Babu of Sadar Bazar Haldwani) आलोक मेरे सबसे पुराने दोस्तों में है. कॉलेज के ज़माने में उसके घर में मौजमस्ती के कई क़... Read more
पिथौरागढ़ के वड्डा बाज़ार में सौन स्वीट्स के बहाने एक मेहनतकश पहाड़ी की कहानी
पिथौरागढ़ से झूलाघाट जाने वाली सड़क पर एक छोटा सा क़स्बा है वड्डा. वड्डा आस-पास के पचासों गांवों का एक पुराना बाजार है. 1972-73 के आस-पास तक झुलाघाट को जाने वाली सड़क पुरानी वड्डा बाज़ार से होकर... Read more
28 जुलाई 2019 को पर्वतों की रानी मसूरी में देश के 11 पर्वतीय राज्यों को ग्रीन बोनस व हिमालयी राज्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर बैठक प्रस्तावित है. नीति आयोग के सदस्यों के साथ प्रधानमंत... Read more
यादों को संजो के रखना इंसानी फ़ितरत है. कुछ यादें दिलों में संजो के रखी जाती हैं तो कुछ यादों को तस्वीरों में उतार दिया जाता है. जब तक कैमरे का आविष्कार नही हुआ था तब तक दिल और दिमाग ही पुरा... Read more
कुछ समय पहले हमने एक ख़बर दी थी कि पौड़ी जिले के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की पहल पर पहली से पांचवीं क्लास तक के बच्चों के लिये विशेषज्ञों द्वारा गढ़वाली पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. पौड़ी... Read more
एक जमाने में डाकुओं का गढ़ था भाबर
बदरीदत्त पाण्डे ने ‘कुमाऊँ का इतिहास’ में ऐतिहासिक सामग्री के आधार पर बयान किया है कि पहाड़ में जो गंभीर अपराधी थे, उन्हें भाबर भेज दिया जाता था ताकि वे यहाँ की अस्वास्थ्यकर जलवाय... Read more
नाम में क्या रखा है
नाना के पास कहानियां थीं. नानी तो हमारे कहानी सुनने की उम्र से पहले ही खुद कहानी हो गईं थीं इसलिए हमने जब कहानी को कहानी की तरह पाया तो सामने नाना थे. शायद यही वजह रही हो कि हमें नानी और कहा... Read more
जब उत्तराखंड आंदोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड हुआ तब पुलिस ने अपनी कारवाई को ज़ायज ठहराया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने तर्क दिया था कि जुलुस में शामिल महिलाओं के पास हथियार थे. जिस हथियार के नाम प... Read more