बाबिल घास : पहाड़ की बहुउपयोगी घास
बाबिल, जिसे गढवाल क्षेत्र में बाबड़ नाम से भी जाना जाता है, पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानों पर उगने वाली एक लटनुमा घास की प्रजाति है. चट्टानों पर उगने के कारण इसको हासिल करना भी जोखिमपूर्ण कार... Read more
मध्यकालीन गढ़वाल की राजनीति जिसे गढ़ नरेशों के युग से भी जाना जाता है, में कुछ असाधारण व्यक्तियों ने अपनी विलक्षण प्रतिमा से इतिहास में स्थान बनाया है. इनमें पुरिया नैथाणी का नाम विशेष रूप स... Read more
कुछ सालों से पहाड़ी जिलों में बंदरों का आतंक और ज्यादा बढ़ गया है. बंदर फसल और बागबानी को चौपट कर रहे हैं. पहाड़ में खेती अब जिस तरह घाटे का सौदा हो चुकी है उसमें जंगली जानवरों – ख़ास तौर से... Read more
टीवी में बहुत ही रोचक कार्यक्रम आ रहा था जिसका विषय था-दानव मछली. यानी ऐसी बड़ी-बड़ी मछलियाँ जो रहती तो नदी में थी लेकिन उनके जीवित मनुष्यों को निगल जाने की किंवदंतियाँ भी थीं. क्योंकि विष... Read more
तमाम जुड़ावों के बीच पद्मा दत्त पांडे के साथ बाबा हैड़ाखान को लेकर मेरा मतैक्य नहीं हो सका. वे 1970 में बाबा हैड़ाखान के भक्त बन गए और कुछ ऐसी अविश्वसनीय बातों की चर्चा उनके बारे में करने लग... Read more
बागेश्वर से सिनला दर्रे की दुर्गम यात्रा की शुरुआत
वर्ष 2001 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस कोर्स करने के बाद प्रातःकालीन भ्रमण का एक नियम सा बन गया था. तब सुबह के साथी मित्र पंकज पांडे हुआ करते थे. सुबह के वक्त पहाड़ी रास्तों में गप... Read more
भात के साथ पोषण, ताकत और ठण्डी-गर्मी की परेशानियों से बचाने को बहुत सारी पहाड़ी दालों, सब्जियों और मसालों का मेल बना. (Traditional Pulses and spices of Uttarakhand) ऐसे ही घालमेल से बनती है... Read more
पहाड़ के स्कूलों में जाड़ों की छुट्टियां और बचपन
को ऑफिस से ज़रा जल्दी रुखसत होने की खुशी ज़रूर होती मगर बाहर कदम रखा तो देखा कि अच्छी खासी बारिश हो रही थी. बारिश मे रानीखेत की माल रोड किसी नई नवेली दुल्हन सी दिलकश हो जाती है. सड़क के एक त... Read more
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 41 (Column by Gayatree arya 41) पिछली किस्त का लिंक: बिना आवाज किये देर तक सिर्फ बच्चे ही हंस सकते हैं सच तो ये है बेटू कि तुम्हें लिखने... Read more
स्वतः संज्ञान लेने की घड़ी
टाउन हॉल के बुर्ज़ पर एक घड़ी लगी है. घड़ी बहुत सुंदर है पर बिगड़ गई है. उसका घंटा भी झड़ गया है. समय नहीं बताती वह, फिर भी लोग उसे देखते हैं. देखने में ठीक ही लगती है, जैसी घड़ियां अमूमन हो... Read more