वरिष्ठ पत्रकार व उत्तराखण्ड के विभिन्न जनान्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले पुरुषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की शाम ऋषिकेश एम्स में निधन हो गया. उन्हें गत 12 अप्रैल को ह्रदयाघात के बाद... Read more
सिनला की चढ़ाई और सात थाली भात
पंद्रह अगस्त का दिन, बचपन से ही हमारे लिए उल्लास और उत्साह का दिन. लेकिन इस बार की पंद्रह अगस्त कुछ अलग रहा. चौदह को हम कुटी से चले तो दोपहर गुजरने तक ही ज्योलिंगकोंग पंहुच पाए. रास्ते में क... Read more
लेखकों को पाठक बनकर समझ आ रहा है कि उन्होंने जनता का कितना उत्पीड़न किया है
कोरोना के इस लॉक-डाउन से एक बात बाखूबी समझ आ रही है कि चुनाव सम्बंधी एक्ज़िट पोल क्यों फ़ेल हो जाते हैं. क्यों बड़े-बड़े विद्वानों के भी अनुमान गलत हो जाते हैं. लॉक-डाउन के सम्बंध में लेखकों... Read more
कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन का फैसला एक तरफ जहां कारगर साबित हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर इसके नकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं. विश्व स्वास्थ्... Read more
जब नई-नवेली मां को मदद की ज्यादा जरूरत होती है, तब वह बिल्कुल अकेली होती है
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 51 (Column by Gayatree arya 51)पिछली किस्त का लिंक: जहां तुम्हारी नजरें टिकी थी उसी जिस्म में तुम नौ महीने कैद थे डॉक्टर मेरे बिल्कुल ताजे जख्मों को हाथ से खं... Read more
एक चिट्ठी कोरोना दौर के हवाले से
देर रात तक ख्वाबों में भटकने वाली आँखें सुबह देर से ही उठने के रिवाज़ का शौक रखती हैं मगर अलविदा के चैत और उकाव लगे बैशाख की सुबहें जाग उठती हैं, पार धार में बासती चिड़ियाओं के मीठे शोर से.... Read more
लॉक डाउन के दिनों में सुल्ताना डाकू और जिम कॉर्बेट की धरती पर बने अपने फार्म हाउस में
आजकल मैं अपने गाँव फतेहपुर में हूँ. हल्द्वानी से सात किलोमीटर दूर कालाढूंगी रोड में नया उभरता हुआ एक क़स्बा है फतेहपुर. आज से पचास-साठ बरस पहले यह जगह क़स्बा तो क्या, गाँव भी नहीं थी. जिम कॉ... Read more
देश के 25 कोरोना फ्री जिलों में उत्तराखंड का इकलौता जिला है पौड़ी – जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल की मेहनत को सलाम
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट आज जारी की है. रिपोर्ट को प्रेस के सम्मुख रखते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रश... Read more
कौसानी से देवगुरु का दिलचस्प सफ़र
सुबह- सुबह जब हम कौसानी से निकले तो कोई अनुमान न था कि आज का दिन कितना लम्बा होगा. कल रात हमने सहृदय मित्रों की बदौलत आलीशान मखमली ग्रेवी वाली अंडाकरी जीवन में पहली बार पेट में उतारी और बादल... Read more
101 साल बाद भी अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिये मांफी नहीं मांगी
He did his duty as he saw it.रुडयार्ड किपलिंग ने 1927 में ये पंक्तियां कर्नल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर की मौत पर लिखी थी. डायर जिसने 13 अप्रैल, 1919 के दिन जलियांवाला बाग़ में निहत्थे लोगों... Read more