जेठ महीने के पहाड़ी त्यार और उपवास
वैशाख बीतते रवि की फसल कट जाती. अनाज की सफाई सुखाई के बाद नया अनाज स्थानीय लोक देवताओं के थानों में भेंट कर दिया जाता. रोट भेट भी चढ़ती. गेहूं के बाद भुट्टों-जुनलों के लिए खेत तैयार करने की... Read more
पहाड़ में हर आम-ओ-ख़ास के कवि हैं शेरदा
शेरदा अनपढ़, उत्तराखण्ड के एक ऐसे कवि जिसे काव्यकर्म के लिए किसी पढ़ाई-लिखाई की जरूरत न थी. फिर भी समाज और परिवेश को पढ़ने में वो नम्बर वन थे. लोग उनकी पढ़ाई-लिखाई पर सवाल उठाएँ इससे पहले ही... Read more
उत्तराखंड के कालिदास शेरदा
शेरदा चले गये. मेरा उनका वर्षों साथ रहा. सचमुच वे अनपढ़ थे. यदि अनपढ़ नहीं होते तो इतनी ताजी उपमाएँ कहाँ से लाते? कहाँ से वह पीड़ा लाते जो उनकी कविता के ‘हरे गौ म्यर गौं’ में व्यंजित है. कहा... Read more
जो दिन अपैट बतूँछी, वी मैं हूँ पैट हौ.जकैं मैं सौरास बतूँछी, वी म्यर मैत हौमायाक मारगाँठ आज, आफी आफी खुजि पड़ौ.दुनियल तराण लगै दे, फिरि ले हाथ है मुचि पड़ौ.जनूँ कैं मैंल एकबट्या, उनूँल मैं न... Read more
जब से मैंने शेरदा की किताब ‘मेरि लटि पटि’ अपनी यूनिवर्सिटी में एमए की पाठ्यपुस्तक निर्धारित की, एकाएक पढ़े-लिखे सभ्य लोगों की दुनिया में मानो भूचाल आ गया. यह बात किसी की भी समझ में नहीं आई क... Read more
अल्मोड़ा में कठपुड़िया प्राइमरी पाठशाला के रतन मासाब जिनका तबादला गाँव वाले हमेशा रुकवा देते थे
मैं उन दिनों प्राइमरी पाठशाला कठपुड़िया में पड़ता था. स्कूल गया तो सीधे कक्षा दो में बैठ गया क्योंकि घनदा कक्षा दो में पड़ता था, हमउम्र था और कक्षा की समझ भी नहीं थी. इसलिये साथ बैठने की... Read more
ज्यादातर लड़के लड़कियों से ‘झूठा प्रेम’ जताकर सिर्फ सेक्स करने की इच्छा रखते हैं
4G माँ के ख़त 6G बच्चे के नाम – 56 (Column by Gayatree Arya 56)पिछली किस्त का लिंक: तुम ‘हमेशा सफल होने’ के दबाव वाले समय में पैदा हुए हो यहां नानी के घर पर तुम्हारे बहुत सारे फैन बन गए हैं... Read more
मुक्तेश्वर में मनोज बाजपेयी से एक्सक्लूसिव बातचीत
अपने शानदार और मौलिक अभिनय से हिंदी सिनेमा में अपना लोहा मनवाने वाले मनोज बाजपेयी इन दिनों कुमाऊं के मुक्तेश्वर में ठहरे हैं. लॉकडाउन के कारण शूटिंग रद्द होने के कारण मनोज बाजपेयी अपने परिवा... Read more
कोरोना महामारी के दौर में भी उत्तराखण्ड के सवर्णों पर जातिवादी दंभ का नशा सर चढ़कर बोल रहा है. ताजा मामले में ओखलकांडा क्षेत्र में क्वारंटाइन किये गए 2 सवर्णों ने अनुसूचित जाति की भोजन माता... Read more
ओ पृथ्वी! तुम्हारे पहाड़, हिमाच्छादित पर्वत, अरण्य प्रसन्न रखें. इसकी ऊंचाई, भव्यता और रहस्यात्मक सौंदर्य से उच्च विचार आयें, कल्पनाएं बलवतीं हों, सृजन की अनुभूतियों का संचार हो. यह धरती, यह... Read more