उत्तराखंड के इतिहास में ऐतिहासिक शर्म का दिन है आज
अपनी समस्याओं को लगातार पत्र और सभाओं के माध्यम से दरबार को बताने के प्रयासों के बाद भी अहंकारी दीवान चक्रधर जुयाल और महत्वाकांक्षाओं से भरे डीएफओ पदमदत्त रतूडी, रंवाई और जौनपुर के जन आक्रोश... Read more
मर्तोली के बुग्यालों में चौमास में चरने वाले घोड़े और खच्चर गुलामी भूल जाते हैं
जब हम रालम और जोहार के लिए पिथौरागढ़ से निकले तो बरसात अपने चरम पर थी और रोड जगह जगह टूटी हुई थी. नाचनी से आगे हरडिया पर हमारी जीप कीचड़ में धंस गयी जिसे निकालने की कवायत में हमारे जूते बुरी... Read more
यादों में जिन्दा रहेंगे भवाली के देवी मास्टर
झक्क सफेद, बादामी अथवा क्रीम कलर का लखनवीं चिकन का कुर्ता, नीचे सफेद पायजामा अथवा सुनहरे किनारे वाली चिट्ट सफेद धोती, जो तहमतनुमा लिपटी रहती, गले में तुलसी माला, पांव में चप्पल अथवा कपड़े का... Read more
बात 60 के दशक की है जब हम प्राईमरी स्कूल में तख्ती को छोड़कर कापी में लिखने का प्रयास करते-2 पॉंचवी कक्षा यानि तत्कालीन बोर्ड की क्लास में पहुँच चुके थे. तब बोर्ड की परीक्षा केवल विद्यार... Read more
आमतौर पर मैं ही क्या, शायद आप में से भी कई लोग ये मानते ही होंगे कि चाहे सरकार कोई भी पार्टी चला रही हो हमारा भारतीय सरकारी सिस्टम काफी सुस्त और काम करने के मामले में काफी जर्जर हो चूका है.... Read more
बाहरी राज्यों में लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए प्रवासी कामगारों की उत्तराखण्ड समाज के संगठन व संस्थाओं द्वारा यथासंभव मदद की जा रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर प्रवासी उत्तराखंडियों की मदद... Read more
महान हिमालय का छोटा लेकिन खतरनाक शिकारी चुथरौल : सुरेन्द्र पवार का फोटो निबंध
यलो थ्रोटेड मार्टिन प्रतिदिन शिकार करने वाले जीवों में से एक है जिसे स्थानीय भाषा में चुथरौल भी कहा जाता है. यह जीव 16 साल तक जिन्दा रहता है. पीले और भूरे रंग के इस जीव का भार 1.6 से 5.7 किल... Read more
जवाहर लाल नेहरू अल्मोड़ा जेल में
जवाहरलाल नेहरू (नवंबर 14, 1889 – मई 27, 1964) भारत की आजादी के शिल्पियों में से एक रहे नेहरू के बारे में आजकल एक धारणा फैलाई जा रही है कि ‘नेहरू ने भारत की आजादी के लिए किया ही क्... Read more
शो मोर मज़दूर : उसका बीबी-बच्चा दिखाओ, टूटा घर दिखाओ, पाँव का छाला दिखाओ…
अगर आपको पूर्व करोना काल की कुछ याद हो तब मज़दूर नाम की कोई चिड़िया नहीं हुआ करती थी. होती होगी कहीं, ऊंचे-ऊंचे टावरों के बेसमेंट या तेरहवें माले के अनफिनिश्ड अपार्टमेंट में, मॉल के आसपास की... Read more
भारत समेत पूरी दुनिया जब कोरोना महामारी के असीमित संकट से जूझ रही है और लॉक डाउन ने सारे कामकाज पर ताला लगा दिया है, ऐसे संकट काल में भी पहाड़ी महिलाओं के कदम निरंतर बढ़ रहे हैं. उत्तराखंड क... Read more