देवीधुरा का पान और नेता बहादुर – सच्ची घटना पर आधारित उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी
वो मरने ही आया था यहाँ. देवीधुरा पहाड़ की चोटी पर बना ग्राम देवता का वह मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुका था. आधी गिर चुकी दीवाल से पीठ लगा पानदेब भूखे पेट की ऐंठन को दबाने का भरसक प्रयत्न क... Read more
मूसा सौन और पंचू ठग की कुमाऊनी लोककथा
बहुत समय पहले बमौरा नाम का एक गाँव था जहाँ के निवासी बहुत संपन्न थे. उस गाँव के पड़ोस में एक लुटेरा डाकू रहता था जिसका नाम पंचू ठग था. उसने आसपास के गाँवों की महिलाओं को आतंकित कर रखा था – व... Read more
ईजा की बाटुली : हिचकी से अधिक आत्मीय याद
बढ़ती उम्र के साथ पहाड़ में अकेले न रह पाने की विवशता के कारण गोविंदी हल्द्वानी आकर मकानों के जंगल में कैद हो गई. आज सात साल हो गए लेकिन सात मिनट को भी गोविंदी का मन यहां नहीं लगा. भरा पूरा... Read more
प्रवासी पहाड़ी की “ओ दिगौ लाली”
मैंने कल लगभग सौ सवा सौ कुमाउँनियों को एक मैसेज किया कि सामान्यतः हम ‘ओ दिगौ लाली’ कब बोलते हैं? 90% जो पहली पीढ़ी के पहाड़ से बाहर है जिनका बचपन हिमालय की गोद में बीता है सबने... Read more
डिप्लोमा इंजीनियरिंग के उस लड़के का सुनाया किस्सा मैं कभी नहीं भूल सकता. भूलने वाली बात है भी नहीं. रैगिंग का जिक्ऱ आते ही वो मुस्करा कर, सगर्व बताता कि मुझे तो फर्स्ट इयर में रैगिंग से कोई... Read more
अल्मोड़ा आने के बाद यहीं के होकर रहे विख्यात वैज्ञानिक बोसी सेन और उनकी अमेरिकी पत्नी गर्ट्रूड एमर्सन
भारत ने हरित क्रान्ति के अग्रदूतों में गिने जाने वाले बसीश्वर सेन साल 1920 में अल्मोड़ा आकर बस गए थे. बोसी सेन के उपनाम से जाने जाने वाले इस वैज्ञानिक-कृषिशास्त्री ने जवाहरलाल नेहरू के कहने... Read more
लछुली की ईजा – भुवन चन्द्र पन्त की कहानी
प्रायः सुनसान सा रहने वाला लछुली की ईजा का घर-आंगन, आज एकाएक गांव के लोगों से खचाखच भरा था. यह भीड़ किसी उत्सव की न होकर उन लोगों की थी जो लछुली की ईजा को अन्तिम विदाई देने पहुंच रहे थे. बेट... Read more
2006 का साल था. हमने उत्तराखंड के सबसे बेहतरीन उच्च शिक्षा परिसरों में गिने जाने वाले कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा में बी. एस. सी में दाखिला लेने के लिए अप्लाई कर रखा... Read more
लोमड़ और तीतर की पक्की दोस्ती की कथा
एक लोमड़ की एक तीतर से दोस्ती हुई. एक बार लोमड़ ने कहा कि उसे भूख लगी है और उसे खाना चाहिए. तीतर एक घराट (पनचक्की) के दरवाजे पर गया और वहां जाकर उसने अपने पंख फड़फड़ाए. घराट का मालिक चक्की प... Read more
कुमाऊँ में रुहेला आक्रमणकारियों ने लगभग सभी मन्दिरों को लूटा और उनमें रखी हुई मूर्तियों को तोड़ा. जागेश्वर ही अपनी स्थिति के कारण एक ऐसा प्राचीन स्थल है जहाँ वे नहीं पहुँच पाये. जागेश्वर कुम... Read more