पिथौरागढ़-घाट सड़क मार्ग से समझिये ऑल वेदर रोड परियोजना पर्यावरण को कितना प्रभावित करती है
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में चल रही ऑल वेदर रोड परियोजना के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया. जिसके बाद से रोड का चौड़ीकरण 5.5 मीटर से अधिक नहीं किया जा सकता. इस आदेश का पर्य... Read more
कोऊ न जानत कवि की पत्नी के मन की पीर
“कब से ऐसा महसूस हो रहा है?” “ये क्या बकवास है? अरे इसमें महसूस जैसा क्या है, मैं हूँ कवि, तो हूँ.” “मैं आपसे नहीं, आपकी पत्नी से पूछ रहा हूँ.” “अरे डाक्साब,पहिले तो... Read more
उत्तराखण्ड के पारम्परिक लोक पर्व को पुनर्जीवित करने हेतु भाव राग ताल की कार्यशाला
भाव राग ताल नाट्य अकादमी पिथौरागढ़ द्वारा ओएनजीसी के सहयोग से पिथौरागढ़ जिले के दो गांव बसौड़ और बोकटा में कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें उत्तराखण्ड के पारम्परिक लोक पर्व जैसे हिलजात्रा एवं... Read more
हिंदी के कथाकारों में शेखर जोशी बड़ा नाम हैं. आपसी संबंध, आंचलिकता और पर्वतीय जीवन से सरोबार उनकी कहानियां दुनियाभर में पसंद की जाती हैं. अल्मोड़ा के ओलिया गांव में जन्में शेखर जोशी की कहानि... Read more
हिमालय से हम हैं और हमारे लिए हिमालय
हिमालय अमर नहीं है. गोंडवानालैंड के जमाने में ये था ही नहीं. गोंडवानालैंड के एक हिस्से के छिटक कर एशियाखंड से मिलने या टकराने से अस्तित्व में आया था हमारा हिमालय. पर्वत श्रृंखलाओं की बिरादरी... Read more
जब दूरदराज के इलाकों में सेवाएं देने के लिए शिक्षकों में कुछ अतिरिक्त योग्यताओं की जरूरत पड़ती थी
दूरदराज के इलाकों में सेवाएं देने के लिए, उन दिनों शिक्षकों में कुछ अतिरिक्त योग्यताओं की जरूरत पड़ती थी. स्वास्थ्य-सेवाओं के नाम पर, वहां पर कुछ भी नहीं होता था. डिस्पेंसरी तो छोड़िए, फार्म... Read more
सिर्फ बर्फ से ढकी चोटियां हिमालय नहीं होती
हिमालय की पहली स्मृति नर्सरी क्लास की है जब हमें पिकनिक के लिए अल्मोड़े से कौसानी ले जाया गया था. एक बहुत विशाल हिमपुंज के सामने अवाक हो गए तीन-चार बरस के एक दुबले बच्चे की छवि धुंधली याद की... Read more
बरसात के दिनों धुले हुये पहाड़ अपने नये रंग में दिखते हैं. चटख हरे रंग की हरियाली और ऊंचे पहाड़ों के आगे उमड़ते सफ़ेद बादल हर लम्हें को एक तस्वीर में बदलकर रखते हैं. एक तस्वीर जिसे इंसान साल... Read more
श्रीधर आजाद : तन-मन से आज़ाद राजर्षि-सेनानी
1949 से 1950 तक तथा 1952 से 1958 तक गढ़वाल (वर्तमान पौड़ी,चमोली व रुद्रप्रयाग का संयुक्त नाम) के डिस्ट्रिक्ट बोर्ड चेयरमैन रहे, स्वतंत्रता सेनानी श्रीधर आजाद, आजाद जी के नाम से पूरे गढ़वाल म... Read more
साल 1964 का जुलाई का महीना रहा होगा, जब भवाली के गोबिन्द बल्लभ पन्त हायर सेकेन्डरी स्कूल में दर्जा 6 में दाखिला लिया और शुरू हुआ भवाली से नजदीक से रूबरू होने का सिलसिला. यों हमारा मुख्य बाजा... Read more