तो, नित्यानंद मैठाणी जी भी चले गए. 14 सितम्बर, 2020 की रात 86 वर्ष की आयु में लखनऊ में उनका निधन हो गया. कोई दस दिन पहले उनसे बात हुई थी. आवाज बहुत क्षीण थी. हाल में उन्होंने अपना बेटा खो द... Read more
अपने गीतों व गायन के माध्यम से लोगों में जनचेतना का संचार करने वाले और उत्तराखण्ड आन्दोलन के दौरान, लस्का कमर बाँधा, हिम्मत का साथा और धैं द्यूणौ हिंवाल च्यलौ ठाड़ उठौ, जगाओ मुछ्याल च्यलौ ठा... Read more
मुक्तेश्वर से बॉलीवुड तक निर्मला की उड़ान
मुक्तेश्वर जैसे छोटे से कस्बे ताल्लुक रखने वाली निर्मला ने आखिर मायानगरी में अपना मुकाम बना ही लिया. निर्मला तमाम फिल्मों, धारावाहिकों में काम कर चुकी हैं. 21 सितम्बर से जी. टीवी के धारावाहि... Read more
इक्कीसवीं सदी के बहुत प्रतिभाशाली बुद्धिजीवी और हिब्रू यूनिवर्सिटी युरोशलम में प्रोफेसर युवाल नोवा हरारी अपने एक लेख में बताते हैं – मनुष्य हमेशा से उपकरणों के आविष्कार करने में माहिर... Read more
मुनस्यारी के चचा के बहाने इंजीनियरिंग के जमीनी पाठ
गांव में एक चचा थे, सरिया और एल्युमिनियम के तार मोड़कर इतनी जबर्दस्त गाड़ियां बनाते थे कि क्या कहने, रविवार को अलसुबह हम सब बच्चे कचड़े के ढेर से रबड़ के फटे पुराने चप्पल जूते और रंग बिरंगे... Read more
सिद्धपीठ हरियाली कांठा मंदिर
दोस्तों, बचपन में होश संभालते ही सामाजिक रीति-रिवाजों के बावत जानकारी होना शुरू हुई. इन्हीं में से एक ‘भाड़’ हो जाना, इसमें यदि किसी औरत ने सांप देख लिया हो तो वह उस दिन गाय-भैंस... Read more
मैं अपने गांव से जुड़ी एक प्यारी सी फसक आप से साझा करने जा रहा हूं, यह फसक मैंने बचपन में ह्यूनाल के वक्त में गांव के कुछ लोगों से सुनी, उस बखत में गांव में बिजली, टीवी, फोन जैसी सुविधाओं का... Read more
हिन्दी के अनेक रुप
मेरी पढ़ाई-लिखाई का माध्यम हिंदी था. ज़ाहिर है विचार-प्रक्रिया भी हिंदी में ही चलती है. साहित्य भी सर्वाधिक हिंदी का ही पढ़ा है तो अभिव्यक्ति की भी सबसे सहज भाषा हिंदी ही है. किंतु मेरे हिंद... Read more
कैलास मानसरोवर यात्रा का सम्पूर्ण इतिहास और यात्री
हिमालय के पार के प्रदेश तिब्बत का प्राचीन नाम था “उत्तर कुरु “जहां कैलास मानसरोवर और गोर्ला मान्धाता तीर्थ थे. दक्षिणी कुरु का वैदिक नाम कुरु जांगल प्रदेश था. कुरु राज्य की राजधा... Read more
तकदीर कदमों पर बिछेगी, सीने में चाह तो पैदा कर
कहते हैं कि जब हम जवान होते हैं, तो वेल्थ के लिए अपनी हेल्थ दांव पर लगाने को तैयार रहते हैं. लेकिन जब हम बूढ़े होने लगते हैं और जिंदगी को समझ लेते हैं कि उसके लिए क्या जरूरी है, क्या नहीं, त... Read more