हल्द्वानी के गट्टू भाई का बाघ से सामना
नई-नई शादी के पंद्रह दिन बाद उस रात गट्टू भाई की अपनी बीवी से पहली लड़ाई हुई. बीवी का लिहाज करने के उद्देश्य से उन्होंने दोस्तों की संगत में नित्य की जाने वाली शराब पार्टियों पर संयमपूर्ण रो... Read more
प्रिय अभिषेक का चुटीला व्यंग्य ‘माचिस कहां है’
एक कप पानी. एक कप दूध. अरे गैस तो जलाई ही नहीं. माचिस कहाँ है? कहाँ है माचिस? गैस के नीचे गिर गई होगी. यहाँ तो नहीं है. फ्रिज के ऊपर? यहाँ भी नहीं है. हो सकता है फ्रिज के पीछे गिर गई हो, झाँ... Read more
न्यू नॉर्मल में केदारनाथ की यात्रा
यूँ तो पिछले तीन वर्षों से अपने शोध कार्य को लेकर मैं लगातार केदारनाथ जाता रहा हूँ लेकिन इस साल की यात्रा बीते वर्षों से कई मायनों में अलग थी. कोरोना महामारी के बीच केदारनाथ धाम तय तारीख पर... Read more
पुराण के मानसखण्ड में महर्षि व्यास ऋषियों को बताते हैं कि सरयू और श्यामा नदियों के बीच में भव्य स्थाकिल पर्वत के अग्रभाग में एक विशिष्ट शिवस्थल पर स्थलकेदार नाम के महादेव विराजमान हैं. उनके... Read more
यूं बनाएं अपनी सुबह को और भी सुंदर
कहते हैं कि किसी काम की अच्छी शुरुआत होने का मतलब है आधा काम हो गया. इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका दिन अच्छा गुजरे, तो उसके लिए आपको सुबह को अच्छा बनाना होगा. सुबह अगर थकी हुई है, नेगेटिव... Read more
कुमाऊं के पंत ब्राह्मणों का पश्चिमी एशिया से संबंध
आठवीं शताब्दी में गुजरात में मुसलमान आक्रमणकारियों द्वारा सत्ता हथिया ली गई थी. यह संभव है कि उस समय कोई जन समुदाय अथवा कोई गुजरात के राज्य परिवार का व्यक्ति मथुरा, कन्नौज से होता हुआ चंपावत... Read more
भोटान्तिक व्यापार के रास्ते, तरीके और माल असबाब
मल्ला दारमा के भोटान्तिकों का व्यापार पथ जो अजपथ और अश्व पथ से विकसित हुआ वह दारमा दर्रे (18510फ़ीट) से हो कर जाता था. वहीं व्यांस और चौंदास पट्टियों के भोटान्तिक लंगप्याँलेख (18150 फ़ीट) और... Read more
अल्मोड़े के पास एक गांव में अल्पबुद्धि और दीर्घबुद्धि नाम के दो दोस्त हुआ करते थे. अल्पबुद्धि, नाई और दीर्घबुद्धि, पंडित थे. दोनों निहायत आलसी और खदवे. दोनों का घर पत्नियों की मेहनत से चलता.... Read more
चट्टान से गिरकर अकाल मृत्यु को प्राप्त पहाड़ी घसियारिनों को समर्पित लोकगाथा ‘देवा’
बहुत सुन्दर गाँव था. खूब गधेरा पानी. अपनी बंजाणी घना जंगल और थी उसी गाँव में एक सुन्दर निर्मल झरने की तरह लड़की देवा. सारे गाँव की बेटी. हमेशा उसके पास एक हँसी रहती थी. दुखी से दुखी उस हँसती... Read more
जिनके बिना भवाली का इतिहास अधूरा है
ब्रिटिश शासन के दौरान ही भवाली के पास नैनीताल-हल्द्वानी रोड पर लगभग एक किमी की दूरी पर वर्ष 1912 में भवाली सेनेटोरियम की स्थापना किंग जॉर्ज एडवार्ड सप्तम के कार्यकाल में हुई. समुद्रतल से 168... Read more