उतरैणी कौतिक बागेश्वर की तस्वीरें
हिमालय के आंगन उत्तराखंड में मेलों और त्यौहारों की समृद्ध परम्परा है और यहां के निवासी सदियों से चली आ रही अपनी परंपराओं और मान्यताओं को बड़े हर्षोल्लास के साथ इन मेलों और त्यौहारों के माध्य... Read more
रं समाज की वार्षिक मीटिंग की तस्वीरें
कई सदियों से उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों और अत्यधिक कठिन परिस्थितियों और हिमालय के प्रेम और गुस्से के बीच कुछ लोग अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं. हिमालय के इतने नजदीक इतनी दुरूह परिस्थितियों... Read more
अल्मोड़ा का दशहरा इसमें बनाए जाने वाले रावण परिवार के कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. दशहरा महोत्सव की शुरुआत से अब तक अल्मोड़ा के दशहरे ने एक लंबा सफर तय किया पर आज भी जो चीज़ नहीं बदली... Read more
उत्तराखंड के अल्मोड़ा की पहचान के कई आयाम हैं, पहाड़ों में बसा ये प्राचीनतम शहर आधुनिकता को अपनाने में भी पीछे नहीं है पर जो चीज अल्मोड़ा को अनूठा बनाती है वो है यहां के लोगों का अपनी संस्कृ... Read more
कोट भ्रामरी के नंदादेवी मेले में पहाड़ के लोग
पहाड़ में बसने वाले लोग खुद में पूरा पहाड़ जीते हैं, उनके चेहरे बताते हैं वो क्या हैं, उनकी हंसी खुद में पूरा जीवन जीती है उनको नाचते गाते देखना ज़िंदगी के सबसे सुखद पलों में से एक होता है.(... Read more
अल्मोड़े से नंदादेवी मेले की एक्सक्लूसिव तस्वीरें
इन दिनों पहाड़ नंदामय हैं. अल्मोड़ा और नैनीताल में मां नंदा की भव्यता देखते बनती है. अल्मोड़ा नंदा देवी मेले में दूर-दूर से लोग आकर शामिल होते हैं. उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने व... Read more
सावन के आखिरी सोमवार पर जागेश्वर धाम की तस्वीरें
समुद्र तल से 1,870 मी की ऊंचाई पर स्थित जागेश्वर मंदिर समूह का जिक्र स्कन्द पुराण के मानस खण्ड में भी है. अल्मोड़ा शहर से 37 किमी की दूरी पर स्थित जागेश्वर मंदिर समूह में कत्यूरीकाल, उत्तर क... Read more
सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें
पहाड़ में रोपाई उत्सव, हुड़किया बौल – जुलाई 2022, सोमेश्वर, अल्मोड़ा, उत्तराखंड. बरसात के मौसम के साथ ही शुरू हो गया है उत्तराखंड के पहाड़ों और खेतों में रोपाई का उत्सव, लोकपर्व. हुड़क... Read more
“उठो जागो लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत.” स्वामी विवेकानन्द के ये विचार अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन पर एकदम फिट बैठते हैं, ऐसा लगता है जैसे स्वामी जी लक्ष्य से स्वयं ये वाक्य कह रहें हों... Read more
पूरन दा और उनकी चलती-फिरती काफल की दुकान
गर्मियों के आने की आहट के साथ आ जाता है पहाड़ों का रसीला काफल. हर साल अपने रुप से हर किसी का मनमोह लेना वाला यह फल साल दर साल आम आदमी की जेब से दूर होता जा रहा है. कुछ साल पहले पांच रुपए में... Read more