कल हमने आपको कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं पर आधारित ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ से एक कहानी पढ़वाई थी – बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष... Read more
बहादुर पहाड़ी बेटा और दुष्ट राक्षसी की कथा
ई. शर्मन ओकले और तारादत्त गैरोला की 1935 में छपी किताब ‘हिमालयन फोकलोर’ में कुमाऊँ और पश्चिमी नेपाल की लोककथाओं का विशाल संग्रह पढ़ने को मिलता है. Kumaoni Folklore by Oakley and Gairola इस प... Read more
कुमाऊनी लोककथा- पत्नी और बच्चों के लिये बाघ के उड्यार पर कब्जा जमाने वाले सियार की कहानी
कहते हैं काली नदी के किनारे के घने जंगल में एक आलसी सियार और उसका परिवार रहता था. जंगल की ओट में कभी इधर कभी उधर रहने वाले उसके परिवार में एक पत्नी और दो बच्चे हुआ करते थे. शादी के बाद से ही... Read more
हल्द्वानी वाले बुआ-फूफा जी और उनके स्मार्ट फोन
उनकी गृहस्थी सुन्दर थी. फूफा बुआ को स्कूटर पर घुमाते थे. हर इतवार या छुट्टी के दिन वे दोनों किसी न किसी रिश्तेदार के यहाँ हो आते थे. दो से तीन होने पर भी आने जाने का यह सिलसिला बना रहा. फूफा... Read more
रेवती रोई नहीं : एक सशक्त पहाड़ी महिला की कहानी
रानीखेत रोड से होती हुई रेवती लकड़ियों की गढ़ोई (बंडल) लेकर जैसे तंबाकू वाली गली से गुजरी, जमनसिंह की आँखों में चमक-सी आ गई. आलस में सुस्ता रहे शरीर में करंट-सा दौड़ गया. उसने अध लेटे शरीर क... Read more
बड़ी पुरानी बात है, जाड़ों के दिन थे. पहाड़ पार जंगल में चरने गयी बकरियों में एक गर्भवती बकरी जंगल में ही छुट गयी. जंगल में एक बाघिन भी रहती थी. गर्भावस्था के चलते बाघिन इन दिनों शिकार पकड़न... Read more
उमेश तिवारी ‘विश्वास’ की कहानी चूहा
वहाँ ज़रूर कुछ अनोखा था. ड्राइव वे की तरफ़ वाला दरवाज़ा आधा खुला और मेरी पत्नी ने दबी ज़ुबान में पुकारा, “ओ सुनो..जल्दी बाहर आओ, तुमको एक चीज़ दिखाती हूं.” मामला फल-सब्ज़ी का होत... Read more
वड़ की पीड़ा और आमा के हिस्से का पुरुषार्थ
गांव की प्रचलित कहावत है, वड़ (Division stone) माने झगड़ जड़. जब दो भाइयों के बीच में जमीन का बंटवारा होता है तो खेतों के बीच बंटवारे के बाद विभक्त जमीन में एक पत्थर गाड़ दिया जाता है जिसे व... Read more
नेहा उनियाल: उत्तराखण्ड की संस्कृति में आधुनिकता का रंग भरने वाली आर्टिस्ट
(मूल रूप से यमकेश्वर, पौड़ी-गढ़वाल की रहने वाली नेहा उनियाल बेहतरीन आर्टिस्ट हैं. हाल-फिलहाल देहरादून में रहने वाली नेहा उनियाल मंडाला, ऑरनामेंटल पैटर्न, डूडलिंग, हाइपररीयलिस्टिंग, कॉमिकल इल... Read more
जिस वक्त हम गाँव पहुँचे, धूप चोटियों पर फैलने के बाद उतरते-उतरते पहाड़ियों के खोलों में बैठने लगी थी. हवा अभी तपी नहीं थी, ठंडक थी उसमें- बल्कि, हल्का-सा जाड़ा था उसकी तासीर में.(Story by Ks... Read more