टोकियो पैरालंपिक में आज का शनिवार भारत के लिये बेहद ख़ास रहा. भारतीय खिलाड़ियों ने आज अभी तक दो स्वर्ण के साथ चार पदक जीते. दिन की शुरुआत में भारत की झोली में निशानेबाजी से दो पदक आए. बैडमिंटन में प्रमोद भगत ने पुरुष सिंगल्स एसएल-3 स्पर्धा का गोल्ड तो मनोज सरकार ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया.
(Bronze by Manoj Sarkar)
मनोज सरकार उत्तराखंड के औद्योगिक शहर रुद्रपुर के निवासी हैं. आर्थिक रूप से अत्यंत कमजोर परिवार की मजबूरियों और शारीरिक अक्षमता की सीमाओं की बाधा को पार करते हुए देश के प्रतिष्ठित खेल सम्मान तक पहुंचकर एक अनुकरणीय मिसाल कायम की. बचपन में किसी कारण से उनके दाएं पैर के पंजे में स्थायी कमजोरी आ गई थी, इसके बावजूद उन्होंने बैडमिंटन जैसे तेज खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो मुक़ाम हासिल किया वो हम सबके लिए प्रेरणादायी है.
(Bronze by Manoj Sarkar)
मनोज का जन्म जनवरी 1990 में रुद्रपुर में हुआ. बचपन में ही दाएं पैर के पंजे के शारीरिक रूप से कमजोर होने के बावजूद अपने आसपास के बच्चों को बैडमिंटन खेलता देखकर मनोज ने भी इसे खेलना शुरू किया. मनोज के पिताजी दैनिक मजदूर थे और माताजी घर पर ही बीड़ी बनाने का काम करती थीं. ऐसी कमजोर आर्थिक स्थिति में बैडमिंटन के पुराना रैकेट खरीदकर मनोज ने अपनी मेहनत के बल पर खेल में निपुणता हासिल करने की शुरुआती कोशिश की.
मनोज सरकार के संघर्ष की पूरी कहानी यहां पढ़ें: अभावों से अर्जुन अवार्ड तक का सफ़र
(Bronze by Manoj Sarkar)
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