प्रिय अभिषेक

प्रिय अभिषेक की ‘लग्गू कथा’ का दूसरा भाग

“मे आई कम इन सर?”
(Satire by Priy Abhishek September 2021)

“कहिये! तुमको बताया था न कि तुम्हारे काम में प्रॉब्लम है. नियमों में कोई ….. ”

“नहीं, नहीं सर, काम के लिये नहीं आया हूँ. मैंने आपकी पुस्तक ‘नहीं पढ़ी तो देख लेंगे’ पढ़ी थी.”

“अच्छा, पढ़ी थी? गुड! कैसी लगी? अंदर आ जाइये. बैठिये!”

“सर बहुत सुंदर व्यंग्य लिखे हैं आपने. मज़ा आ गया. पुस्तक पढ़ कर मैं आपसे मिलने का लोभ संवरण न कर सका. इतने बड़े लेखक के दर्शन का सौभाग्य कहाँ हर किसी को मिलता है!”

“अच्छा, आपको अच्छे लगे व्यंग्य?”

“अद्भुत हैं सर. सब एक से बढ़ कर एक. पाजी कहीं के, चोर एक नम्बर के, हट कुत्ते तो विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. मैं धोबी का कुत्ता भी बहुत सुंदर लिखा गया है.”

“वाह! और?”

“मरता क्या न करता में जो व्यंग्य के माध्यम से मानवीय सम्वेदनाएँ व्यक्त हुई हैं, वे भी मर्मस्पर्शी हैं.”
(Satire by Priy Abhishek September 2021)

“आप ने सारे व्यंग्य पढ़े हैं.”

“जी सर, आँखें फूट गईं भी बहुत प्यारा व्यंग्य है सर. और मैंने व्यंग्य न केवल स्वयं पढ़े, बल्कि सारे मित्रों को भी पढ़वाए.”

“मित्रों की क्या प्रतिक्रिया थी?”

“मारो साले को पर तो सब मुग्ध हो गए. क्या लिखा है सर आपने. सिर पीट लूँ भी मित्रों को बहुत पसंद आया. बाबूजी ने तो एक ही किताब दी थी. पर व्यंग्य इतने स्तरीय थे कि क्या कहूँ! नौ किताबें और ले जाकर अपने मित्रों में बाँटी.”

“क्या बड़े बाबू ने केवल एक ही किताब दी थी आपको?”

“जी सर. बड़ी मुश्किल से निवेदन कर के और माँगीं मैंने.”

“यहाँ वापस कर जाता है कि कोई ले ही नहीं रहा, मैं क्या करूँ. मैंने कहा- रोको फ़ाइल सालों की, जो भी किताब लेने से मना करे. हमारा दायित्व है ये सुनिश्चित करना कि सभी अच्छा, स्तरीय साहित्य पढ़ें. जब तक पुस्तक न ले लें, फ़ाइल अटकाए रहो. अब पता लगा झूठ बोल रहा था.”

“सर आपकी पुस्तक तो लोग मुँह से मांग कर ले जाते हैं, इतने लोकप्रिय हैं आप. मैंने तो कहा कि आप भले मेरा काम मत करो, पर आप मुझे साहब की किताब पढ़ने से नहीं रोक सकते. साहब के व्यंग्य पढ़ना मेरा मूल अधिकार है. फ़ाइल रोकनी है रोको, पर किताब मत रोको.”

“आपकी फ़ाइल कैसे रोक सकता है?”

“कहते हैं नियमों में नहीं है.”

“कैसे नियमों में नहीं है! सब है नियमों में. एक नम्बर का भ्रष्ट बाबू है. नियमों में सब है. आप निश्चिंत रहिये.”

“सर वो पांच किताबें और मिल जातीं. मेरा मत है कि अच्छा साहित्य अधिकाधिक लोगों तक पहुँचना चाहिए. आपकी कालजयी रचनाओं से जनता को वंचित रखना बहुत बड़ा अन्याय होगा.”

“बिल्कुल, बिल्कुल.” साहब ने कहा और घण्टी बजाई. चपरासी आ गया. “बड़े बाबू को भेजो!”
(Satire by Priy Abhishek September 2021)

बड़े बाबू आ गए. उन्होंने साहब को श्रद्धा से और प्रार्थी को हिकारत से देखा.

“इनकी फ़ाइल मेरी स्वीकृति के लिये प्रस्तुत करो तत्काल! और पांच किताबें कल प्रकाशक के यहां से उठा लाना और इनको दे देना. आप जाइये, काम हो जाएगा.”

जाते हुए प्रार्थी ने बड़े बाबू को एक झलक देखा. निगाहें मिलीं, दोनों एक दूसरे को देख कर हल्का सा मुस्कुराये. गाना बज रहा है- आँखों ही आँखों मे इशारा हो गया…
(Satire by Priy Abhishek September 2021)

पिछला हिस्सा पढ़ें: प्रिय अभिषेक की ‘लग्गू कथा’

प्रिय अभिषेक

मूलतः ग्वालियर से वास्ता रखने वाले प्रिय अभिषेक सोशल मीडिया पर अपने चुटीले लेखों और सुन्दर भाषा के लिए जाने जाते हैं. वर्तमान में भोपाल में कार्यरत हैं.

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

इसे भी पढ़ें : नियति निर्देशक की कारिस्तानी

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

4 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

6 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

2 weeks ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago