इन दिनों उत्तराखंड पुलिस आपरेशन मर्यादा चलाकर ऐसे लोगों का चालान कर रही है जो देवभूमि के पवित्र स्थलों पर अभद्र और अनुचित व्यवहार कर रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस द्वारा आपरेशन मर्यादा के तहत हर दिन सैकड़ों चालान किये जा रहे हैं लेकिन जब बरेली के सांसद धर्मेंन्द्र कश्यप जागेश्वर के पुजारी और मंदिर समिति के सदस्यों को जागेश्वर मंदिर परिसर के भीतर गाली-गलौज के साथ हाथापाई पर उतारू थे तब उत्तराखंड पुलिस मूक दर्शक बनी थी.
(Bareli MP Misbehaving in Jageshwar)
सोशियल मीडिया में वायरल एक वीडियो में बरेली के सांसद धर्मेंन्द्र कश्यप जागेश्वर के पुजारी और मंदिर समिति के सदस्यों को गाली पर गाली दे रहे थे और पुलिस उन पर कोई कारवाई करने की बजाय बीच-बचाव करती नजर आ रही है. सोशियल मीडिया पर यूजर्स पूछ रहे हैं कि आम नागरिक और सांसद के लिये उत्तराखंड पुलिस अलग-अलग नियम क्यों लागू कर रही है.
जागेश्वर में कोविड नियमों का पालन करने को कहने पर बरेली के सांसद पुजारियों और प्रबंधक समीति के सदस्यों पर बिफर गये. पवित्र धाम जागेश्वर में जहां बड़े-बड़े राजाओं ने अपना सबकुछ त्यागकर महामृत्युंजय का जाप किया है वहां बरेली के सांसद धर्मेंन्द्र कश्यप अपना दंभ और हनक नहीं छोड़ पाये. सांसद के सिर पर पद का दंभ और हनक इस कदर सवार रहती है कि वह मंदिर परिसर के भीतर ही भद्दी गालियाँ देकर हाथापाई पर उतारू हैं.
(Bareli MP Misbehaving in Jageshwar)
मंदिर प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि रोज शाम 6 बजे दर्शन के लिये मंदिर द्वार बंद हो जाते हैं आज भी यही हुआ लेकिन सांसद ने पड़ का हवाला देकर मंदिर से बाहर जाने से मना कर दिया. जब वहां मौजूद लोगों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो सांसद मार पिटाई और गाली गलौज पर उतारू हो गये.
उत्तराखंड में लगातार देवस्थानम बोर्ड का विरोध इन्हीं कारणों से हो रहा है. पवित्र धामों के पुजारी जानते हैं कि प्रशासनिक दखल के बाद इस तरह की हरकते और अधिक बड़ेगी और यहां के स्थानीय लोग अपने ही मंदिरों पर अपने हक़-हकूक खो देंगे.
ख़बर लिखे जाने तक बरेली के सांसद धर्मेंन्द्र कश्यप के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की गई है. सोशियल मीडिया में वायरल इस वीडियो पर लोग वहां मौजूद उत्तराखंड पुलिस पर सवाल उठाकर कह रहे हैं कि आखिर किस कारण से मित्र पुलिस अपने पुजारी और सम्मानित नागरिकों से अधिक मित्रता एक बाहरी सांसद के साथ रख रही है.
(Bareli MP Misbehaving in Jageshwar)
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…
उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…
(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…
पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…
आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…
“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…