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3 Comments

  1. Avi G

    बदरपुर और विनोदनगर की तंग गलियों और खिड़की रहित घरों को स्वछंद विचरण के आदी उत्तराखण्ड के युवक तो छोड़ना चाहते हैं लेकिन उनकी वीरांगना पहाड़ी बहुऐं वापस पहाड़ जाने के नाम पर फांस खाने की धमकी दे देती हैं तो उनके कदम रुक जाते हैं। यह समस्या विकराल है। अच्छे स्कूलों अस्पतालों का न होना पलायन की वजह नही रही बल्कि शहरों में बसकर आरामतलब जीवन जीने की ख्वाहिश पलायन का सबसे बड़ा कारण रहा। क्योंकि इन बिदुओं पर बात करते हुुये स्त्री विरोधी होने का ठप्पा लग सकता है तो कोई नेता इस विषय पर बात नही करता। नौजवान पहाड़ी युवक किसी योजना के मोहताज नही हैं। बस मौकों की दरकार है और थोड़े से उत्साह वर्धन की।

  2. मृगेश

    अपने एक नया पक्ष दिया पड़ताल का.

  3. तारा दत्त मठपाल

    अगर केवल मेदानी इलाकों से छोड़े बंदरों पर सरकार नियंत्रण कर दें तो फिर पहाड़ में खेती लहलहा सकती है

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