जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़े में रावण परिवार के पुतले : एक्सक्लूसिव तस्वीरें

अल्मोड़ा का दशहरा इसमें बनाए जाने वाले रावण परिवार के कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. दशहरा महोत्सव की शुरुआत से अब तक अल्मोड़ा के दशहरे ने एक लंबा सफर तय किया पर आज भी जो चीज़ नहीं बदली है वो है अल्मोड़ा के कलाकारों का जोश जो दिन रात कड़ी मेहनत कर पुतले बनाते हैं.
(Almora Dashhara Photos 2022)

इन पुतलों की साज सज्जा में ये लोग बहुत बारीकी से काम करते देखे जा सकते हैं अन्तिम तैयारियों के समय रात के 2 से 3 बजे तक पुतला समितियों के कलाकारों को पुतलों पर काम करते देखा जा सकता है.

दशहरे के दिन बड़ी धूम धाम से इन पुतलों को नगर भ्रमण कराया जाता है उनसे पहले नगर में बनने वाली दुर्गा माता की शोभा यात्रा भी निकाली जाती है. अल्मोड़ा और नगर के आसपास रहने वाले लोग बड़े शौक से इस दिन का सालभर से इंतजार करते हैं और बड़ी संख्या में पुतलों के इस मेले को देखने आते हैं.
(Almora Dashhara Photos 2022)

देखिये इस साल अल्मोड़ा में कल सम्पन्न हुए दशहरा मेले की तस्वीरें. सभी तस्वीरें काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट द्वारा ली गयी है-

फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो: जयमित्र सिंह बिष्ट

जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी पढ़ें: सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें

काफल ट्री का फेसबुक पेज : Kafal Tree Online

Support Kafal Tree

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

2 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

2 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

3 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

4 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

4 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago