परम्परा

पहाड़ के गावों में आये हैं महेश्वर भिना

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

आज आठूं है. आठूं पहाड़ के गावों में महेश्वर भिना के आने का दिन. गौरा दीदी को ससुराल लेने आये हैं महेश्वर भिना. सौं और धान की घास से बने महेश्वर भिना का गांव में स्वागत होता है. अब अगले तीन-चार पूरे गांव में उत्सव का माहौल होगा. आंगन में खेल लगेंगे देर रात तक झोड़े गायेंगे चांचरी लगेगी.
(Aathun Festival Uttarakhand)

यह पहाड़ है यहां ईश्वर भी परिवार का हिस्सा हैं. जगत भर की मां पार्वती पहाड़ियों की गौरा दीदी हैं और भगवान शिव हैं भिना, महेश्वर भिना. गौरा और महेश्वर का गांव भर के लोग मिलकर वैसे ही स्वागत करते हैं जैसे गांव की किसी बेटी का अपने मायके में स्वागत होता है. इस लोकपर्व में गाये जाने वाले लोकगीतों से पता चलता है पहाड़ियों और उनके देवताओं के बीच का मधुर रिश्ता.
(Aathun Festival Uttarakhand)

गौरा दीदी और महेश्वर भिना को खुले आंगन में हिलोरी खिला कर गाया जाएगा –

हिलोरी बाला हिलोरी, बाला महेश्वर हिलोरी.
सासू यो मेरो बालो देखी दिया
मैं तो जानइ छ बालो देखी दिया
तुम म्यार बाला कें धोई दिया, चुपड़ी दिया,
म्यार बाला कें खवाइ दिया
हिलोरी बाला हिलोरी, बाला महेश्वर.                

महिलाएं आज के दिन गौरा और महेश्वर को पूजकर गले में दुबधागा बांधती हैं. पहाड़ में अब हर गांव में कौतिक का माहौल रहेगा. यह कौतिक गौरा दीदी और महेश्वर भिना की विदाई तक रहेगा. फिर आयेगा गौरा दीदी की विदाई का दिन. गौरा दीदी की भावपूर्ण विदाई के साथ ही सातूं-आठूं के लिए मायके आई लड़कियां भी विदाई लेंगी.   
(Aathun Festival Uttarakhand)

काफल ट्री फाउंडेशन

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

पहाड़ से निकलकर बास्केटबॉल में देश का नाम रोशन करने कैप्टन हरि दत्त कापड़ी का निधन

हरि दत्त कापड़ी का जन्म पिथौरागढ़ के मुवानी कस्बे के पास चिड़ियाखान (भंडारी गांव) में…

2 days ago

डी एस बी के अतीत में ‘मैं’

तेरा इश्क मैं  कैसे छोड़ दूँ? मेरे उम्र भर की तलाश है... ठाकुर देव सिंह…

5 days ago

शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी,आजादी आंदोलन का गवाह रहा कौसानी,…

1 week ago

अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक

मशहूर पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रोफ़ेसर शेखर पाठक की यह टिप्पणी डाउन टू अर्थ पत्रिका के…

1 week ago

शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?

इन दिनों उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कौसानी की शांत वादियां शराब की सरकारी दुकान खोलने…

1 week ago

वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा

कहानी शुरू होती है बहुत पुराने जमाने से, जब रुद्र राउत मल्ली खिमसारी का थोकदार…

1 week ago