एक लम्बे समय तक मेरे लिए पिथौरागढ़ छात्र संघ का मतलब शरदोत्सव में बिना पैसों के झुले में प्रबंध करने वाले कुछ लड़के रहा. इससे पहले मेरे लिए छात्र संघ के नेता का मतलब शरदोत्सव और रामलीला में किसी के भी ठेले से भूनी मूंगफली उठा लेने वाले और जीजीआईसी स्कूल के बाहर मुफ्त का चना चाट खाने वाले लड़कों से था. उम्र बढ़ने के साथ छात्र संघ के नेता का मतलब बना जिसकी भट्टी में पर्ची चले.
बीते डेढ़ दशक में मुझे नहीं याद कि पिथौरागढ़ डिग्री कालेज में किसी छात्र संघ अध्यक्ष ने कालेज में किताबों के लिये कोई आन्दोलन किया हो. हां हड़ताल काफ़ी समय कि हैं जिसमें एक वार्षिक होती थी पेपर की डेट पीछे कराने के नाम पर. अभी एक-दो बरस पहले ही कुमाऊं यूनिवर्सिटी ने पहली बार तय तिथि पर परीक्षा कराने का अपना ही रिकार्ड तोड़ा.
पिछले पन्द्रह दिनों से पिथौरागढ़ छात्र संघ आन्दोलन कर रहा है लेकिन इस बार मांग हैं किताबों के लिये फंड की, कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति. एक ऐसे समय जहां छात्रों को अपने घरों में बैठकर पढ़ना चाहिये था वो सड़कों पर मुंह पर काली पट्टी बांधे मौन-प्रदर्शन कर रहे हैं.
परीक्षा सिर पर होने के बाद भी आज 150 छात्र सड़क पर 100 से ज्यादा हाथ से बने पोस्टर लेकर चल रहे थे. केवल अपने बुनियादी हक़ किताब और शिक्षक के लिये. पन्द्रह दिन से आन्दोलन कर रहे इन छात्रों को इस तरह सड़क किनारे पोस्टर लिये बैठ आज प्रशासन दबाव में तो जरुर आया लेकिन इन छात्रों को आज जरूरत है अपने शहर के नागरिकों की.
डिग्री कालेज से कलेक्ट्रेट तक इन बच्चों का प्रदर्शन और शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्ट्रेट में ह्यूमन चेन द्वारा घेराव का यह नजारा पूरे देश के लिये एक सबक है कि कैसे विरोध प्रदर्शन किया जाना चाहिये.
पिथौरागढ़ व्यापार संघ, पिथौरागढ़ बार एसोसिएशन, ऑल इंडिया सीनियर सिटीजन एसोसिएशन एवं नगर के बहुत से सम्मानित नागरिकों ने आन्दोलन स्थल पर आकर छात्रों को अपना समर्थन दिया है. अपने नगर के भविष्य की खातिर पिथौरागढ़ नगरवासियों को भी सड़क पर आना चाहिये.
युवाओं के नाम पर हमने देश और दुनिया में उग्र आन्दोलन देखें हैं आज पन्द्रह दिन से पिथौरागढ़ के युवाओं द्वारा चलाये जा रहे शांतिपूर्ण आन्दोलन की तस्वीरें देखिये :
सभी फोटो पिथौरागढ़ के छात्रों की फेसबुक वॉल से ली गयी हैं.
-गिरीश लोहनी
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किताबों और शिक्षकों की मांग को लेकर पिथौरागढ़ के छात्रों का मौन प्रदर्शन
13 दिनों से किताबों और शिक्षकों के लिये आन्दोलन कर रहे हैं पिथौरागढ़ के युवा
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