कुछ ऐसे आसन है जिनका अगर हम नियमित अभ्यास करें, तो वे न सिर्फ हमेशा के लिए पेट की बीमारियां. ठीक कर देते हैं, वे पेट को पँऊ्लैट और फौलादी बनाने में भी मदद करते हैं. आज यहां ऐसे पांच आसन दिए जा रहे हैं. अगर इनका नियमित अभ्यास किया जाए और थोड़ा भोजन का लिहाज रखा जाए और जंक फूड खाने और भूख से ज्यादा खाने से बचा जाए, तो आप भी अपने व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और इस तरह अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं.
(Yogasanas for Flat Tummy)
भुजंगासन (Cobra pose)
कैसे करें (विधि)
पेट के बल लेट जाएं. दोनों टांगे और पैर एकदूसरे के साथ और पंजे पीछे की ओर खिंचे हुए. हाथों को कुहनियों से मोड़कर हथेलियों को छाती के पास जमीन पर रखें. अपने माथे को सामने जमीन पर टिका दें. अपना सिर और गर्दन को थोड़ा उठा सांस खींचते हुए हाथों का सहारा लेकर कंधे छाती और पेट को ऊपर ले जाएं. अपनी नाभि से नीचे के शरीर को जमीन पर स्थिर रखें. अपने बैक और कोर की मसल्स का इस्तेमाल करें और नाभि से ऊपर वाले शरीर को हवा में पूरा ताने हुए रखें. लोअर बैक से लेकर गर्दन तक और पेट की मसल्स के तनाव को महसूस करें. धीमें-धीमे एक लय में सांस लेते रहें छोड़ते रहें और इस पोजिशन को 30 सेकंडस तक बनाएं रखें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस स्टार्टिंग पोजिशन पर आ जाएं.
(Yogasanas for Flat Tummy)
भुजंगासन के लाभ
पीछे की ओर खिंचाव के जरिए पेट की मसल्स को टाइट करता है. लोअर बैक से लेकर अपर बैक तक मसल्स को मजबूत बनाता है. रीढ़ को लचीला बनाता है और उसमें ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है. सांस लेने की क्षमता को सुधार उसे गहरा करता है. पेट में गैस, कब्ज, अपच की बीमारियां ठीक करता है. बैक में मसल्स संबंधी तकलीफ दूर करता है. लोअर बैक में मोच के दर्द को दूर करने में बहुत मददगार आसन. स्लिप डिस्क ठीक करने में मददगार. इच्छाशक्ति और निश्चय की दृढ़ता बढ़ाता है और कोबरा की तरह हर काम करते हुए सतर्क और सटीक बनाता है.
वशिष्ठासन (Side Plank Pose)
कैसे करें (विधि)
दंडासन में आ जाएँ. यहां से अपने दाएं हाथ को जमीन पर रख शरीर को तिरछा कर लें और धीरे से अपने शरीर का सारा वज़न अपने दाएँ हाथ और पैर पर ले आएं. आपका बायां पैर और हाथ खाली रहेंगे. अपने बाएं पैर को दाएं पैर पर रखें और बाएं हाथ को कमर के नीचे. रखें. आपका दायां हाथ कंधे के करीब होना चाहिए. वह ठीक कंधे के नीचे न होकर थोड़ा सा बाहर की ओर रहे ताकि संतुलन बना रहे. दाएं हाथ से जमीन पर दबाव देकर बाएं हाथ को हवा में ऊपर उठा दें. दोनों हाथों को एकदूसरे की सीध में बनाए रखने की कोशिश करें. अपनी गर्दन को अपने उठे हुए हाथ की तरफ मोड़ें और साँस अंदर और बहार करते हुए अपनी हाथों की उँगलियों को देखें. 30 सेकंड तक इस पोजिशन में रहें और सांस छोड़ते हुए अपने हाथ को नीचे ले आएँ. धीरे से दंडासन में आ जाएँ और अंदर-बाहर जाती हुई साँस के साथ विश्राम करें. यही प्रक्रिया दूसरे हाथ के साथ भी दोहराएँ.
वशिष्ठ आसन के लाभ
हाथों, कलाई व पैरों की मासपेशियों को मज़बूत बनाता है. पेट की मासपेशियों को मज़बूत बनाता है. शरीर में स्थिरता लाता है.
कुंभकासन (Plank Pose)
कैसे करें (विधि)
इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. इस वक्त आपकी कुहनी और हाथ के पंजे जमीन पर होंगे. अब अपने हाथों की उंगलियों को फैला लें और अपने हाथों पर जोर देते हुए छाती, पेट, और पीठ को उपर उठाते हुए पैरों के पंजों को सीधा कर दें. अब आपके पुरे शरीर का भार आपके हाथ के पंजों, कुहनी और पैर के पंजों पर आ जाएगा. आपको अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन को एक लकड़ी के लट्इे की तरह बिलकुल सीधा रखना है.
(Yogasanas for Flat Tummy)
कुंभकासन के लाभ (Plank Pose)
पेट को टोन करने में मददगार यह आपकी भीतरी मांसपेशियों पर काम करता है, जिससे आपको सिक्स पैक बनाने में मदद मिलती है. जब आपकी पेट की मांसपेशिया मजबूत होती है, तो पेट के मध्य हिस्से में अपने आप कसाव आने लगता है. यदि आप सिक्स पैक चाहते है तो एक बात का हमेशा ख्याल रखना की इसके लिए आपको पहले अपने पेट की चर्बी को कम करना होगा.
पीठ दर्द से निजात. कुंभकासन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी और पीठ की मांसपेशिया मजबूत होती है इसलिए इससे पीठ दर्द जैसी समस्याएं नहीं होती. लचीलापन बढ़ाता है. इसे करने से आपके शरीर को ताकत तो मिलती ही है साथ ही साथ इससे आपके शरीर में लचीलापन भी आता है. इससे आपके कंधे और उसके आसपास की मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं.
परिपूर्ण नवासन/नौकासन (Boat Pose)
कैसे करें (विधि)
योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. दोनों पैरो को एक साथ जोड़ ले और हाथों को शरीर से सटाकर रखें. एक गहरी लम्बी सांस लें और अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए सिर, पैर, छाती और हाथों को ऊपर उठाएं. आपके हाथ आपकी जांघ यानी Thigh के ठीक ऊपर होने चाहिए. पैर को सीधा रखें और घुटने न मोड़ें. शुरू में सिर और पैर को आप 20 से 30 डिग्री के कोण (एंगल) तक ऊपर उठाएं. बाद में अभ्यास के साथ 45 डिग्री कोण तक भी ऊपर उठा सकते हैं. आपकी आँखें, हाथों की उंगलियां और पैरों की उंगलिया एक समान (line) में रहें तो बेहतर. अपने पेट में हो रहे खिंचाव को महसूस करें. शरीर का पूरा वजन Hips के ऊपर रखें. अपनी सामर्थ्य के अनुसार धीरे-धीरे सांस लेते-छोड़ते हुए 30 से 40 सेकंड तक इस पोजिशन में रहें. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए फिर मैट पर लेट जाएं. यह एक चक्र हुआ. आप शुरुआत में 2 से 5 चक्र तक कर सकते हैं.
(Yogasanas for Flat Tummy)
नवासन/नौकासन के लाभ
हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है (Stretches The Hamstrings And Quadriceps Muscles). हिप्स को मजबूत बनाता है (Strengthens The Hip). कोर और एब्स की मसल्स को मजबूत बनाए (Core And Abdominal Muscles Become Strong). पूरे निचले शरीर को स्ट्रेच करना (Stretches The Entire Lower Body). स्पाइन की मसल्स को स्ट्रेच करता है और स्पाइन की नसों को मजबूती देता है (Stretches The Spinal Muscles And Strengthens The Spinal Nerve). पीठ को मजबूत बनाने में मदद करता है (Aids In Building A Strong Back). पूरे शरीर के एलाइनमेंट को सुधारता है (Improves The Alignment Of The Entire Body). पाचन को बेहतर बनाता है (Aids In Improving Digestion). शरीर के संतुलन पर फोकस करता है (Focuses On Balancing The Body)
पश्चिमोत्तासन (Seated Forward bend Pose)
कैसे करें (विधि)
जमीन पर दोनों पैरों को एकदम सीधे फैलाकर बैठ जाएं. दोनों पैरों के बीच में दूरी न हो और जितना संभव हो पैरों को सीधे रखें. इसके साथ ही गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को भी सीधा रखें. इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को कमर से थोड़ा पीछे रखें. अब सास लेते हुए थोड़ा सा पीछे जाएं और सांस छोड़ते हुए अपने सिर और धड़ (trunk) को धीरे से आगे की ओर झुकाएं. अपने घुटनों को बिना मोड़े हाथों की उंगलियों से पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें. इसके बाद गहरी श्वास लें और धीरे से श्वास को छोड़ें. अपने सिर और माथे को दोनों घुटनों से छूने कीकोशिश करें. बांहों को झुकाएं और कोहनी (elbow) से जमीन को छूने की कोशिश करें. सांस को पूरी तरह छोड़ दें और इसी मुद्रा में कुछ देर तक बने रहें. 20 से 30 सेकेंड तक नॉर्मल सांस लेते हुए इस अंतिम पोजिशन को बनाए रखने की कोशिश करें.
पश्चिमोत्तासन के लाभ
तनाव दूर करने में फायदेमंद. पश्चिमोत्तानासन करने से पूरे शरीर के साथ सिर और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है, जिसके कारण यह आसन तनाव, चिंता, और मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में बहुत सहायक होता है. इसके अलावा यह क्रोध और चिड़चिड़ापन (Irritability) को भी दूर करता है और दिमाग को शांत रखता है.
(Yogasanas for Flat Tummy)
पेट की चर्बी दूर करने में मददगार. सही तरीके से पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करते समय पेट (Abdomen) की मांसपेशियां खिंचती हैं, जिसके कारण पेट और उसके आसपास की जगहों पर जमी चर्बी दूर हो जाती है.
हड्डियों को लचीला बनाने में कारगर पश्चिमोत्तानासन रीढ़ की हड्डी में खिंचाव उत्पन्न करता है और उन्हें लचीला बनाने का काम करता है. बेहतर पाचन के लिए फायदेमंद है पश्चिमोत्तानासन. पश्चिमोत्तानासन करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और खाना न पचने के कारण अक्सर कब्ज एवं खट्टी डकार आने की समस्या दूर हो जाती है.
इसके अलावा प्रतिदिन इस आसन का अभ्यास करने से किडनी, लिवर, महिलाओं का गर्भाशय एवं अंडाशय अधिक सक्रिय (Activated) होते हैं. अनिद्रा की समस्या दूर करता है. इस आसन का अभ्यास करने से व्यक्ति को सही तरीके से नींद आती है और अनिद्रा (insomnia) की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा उच्च रक्तचाप और डायबिटीज की समस्या को दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद होता है.
(Yogasanas for Flat Tummy)
-सुंदर चंद ठाकुर
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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