वेनेजुएला एक दक्षिण अमेरिकी देश है जो विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में एक है. वर्तमान में वेनेजुएला भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है. वैश्विक रिपोर्ट अनुसार वर्तमान में वेनेजुएला विश्व के सर्वाधिक खतरनाक देशों में माना जा रहा है.
वेनेजुएला में तेल का उत्पादन नवीं और दसवीं सदी से किया जा रहा है. प्रारंभ में वेनेजुएला के लोग तेल का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में किया करते थे. वर्ष 1922 में वेनेजुएला में एक बड़ा तेल का कुआं मिला. वर्ष 1928 तक वेनेजुएला विश्व का सबसे बड़ा तेल आयात करने वाला देश बन गया. इसप्रकार वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तेल पर निर्भर हो गयी.
द्वितीय विश्व युध्द के दौरान तेल के खपत अचानक बढ़ने गयी और इस दौरान वेनेजुएला एक दिन में एक मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करने लगा. 1950 के दौर से पहली बार वेनेजुएला के सम्मुख मध्य एशियाई देशों के रुप में प्रतियोगी मिले. प्रतियोगिता के कारण सभी देशों को हानि होने लगे. वर्ष 1960 में तेल के दाम को वैश्विक स्तर पर नियमित करने हेतु ओपेक की स्थापना की गई. जिसमें इरान, इराक, वेनेजुएला, सऊदी अरब, कुवैत शामिल थे.
वेनेजुएला वर्ष 1999 से 2013 के मध्य ह्युगे चावेस के नेतृत्व में पुनः तेल पर आधारित अर्थव्यवस्था के रुप में विश्व के अमीर देशो में शामिल हो गया. इस दौर में वेनेजुएला में गरीबी 50 प्रतिशत तक कम हो गयी. चावेस के दौरान बाजार में सरकार का लगभग पूर्ण नियंत्रण था. चावेस के युग में लोगों जीवन स्तर में सुधार हेतु अनेक योजनाएं चलाई गयी. वर्ष 2013 में ह्युगो चावेस की मृत्यु हो गयी.
ह्युगू चावेस की मृत्यु के बाद निकोलस मदुरो के नेतृत्व में वेनेजुएला सरकार बनी. इस दौरान विश्व में तेल के दामों में तीव्र कमी आ गयी. वेनेजुएला जिसकी अर्थव्यवस्था का 95 % हिस्सा तेल रिजर्व आधारित था वैश्विक स्तर पर तेल के दाम गिरने से बुरी तरह प्रभावित होने लगा. इस कारण वेनेजुएला सरकार चावेस की सामाजिक योजनओं को फिर से चालू रखने में सक्षम नही रही और विपक्ष ने निकोलस मदुरो के खिलाफ आंदोलन शुरु कर दिया. इस बीच निकोलस मदुरो पर सुप्रीम कोर्ट में अपने लोगों को नियुक्त करने के आरोप लगे हैं. निकोलस ने भी नई संसद सभा के गठन की घोषणा की है.
वेनेजुएला में वर्त्तमान में मुद्रा स्फीती दर विश्व में सर्वाधिक है. वेनेजुएला के केन्द्रीय बैंक ने 2015 से मुद्रा स्फीति संबंधी आकड़े जारी नहीं किये हैं. आई.एम.एफ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार मुद्रा स्फीति 13,000 % अनुमानित हैं. मुद्रा के लगातार गिरने के कारण वेनेजुएला का करोड़पति भी गरीब है. इस बढ़ती महंगाई के कारण लोग अपने दैनिक उपभोग की वस्तु खरीदने में भी असमर्थ हैं. वेनेजुएला के वेनेजुएला से तंग आकर बहुत से लोग पड़ोसी देशों जैसे कोलम्बिया, पेरू आदि दक्षिण अमेरिकी देशों में बसने लगे हैं.
बढती बेरोजगारी के कारण अचानक वेनेजुएला में अपराध की दर बढ गयी. बढती महंगाई और मुद्रा की गिरती दर को वेनेजुएला में बढते अपराध का कारण बताया जा रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं के बढते दाम ने जनसंख्या विस्फोट कुपोषण जैसी नयी समस्या को जन्म दे दिया है. हालत इतने बिगड़ गये हैं कि दैनिक जीवन में उपभोग की वस्तुओं के लिये जंग एक सामान्य बात है.
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