समाज

भारत के पहले सूर्य मिशन का केंद्र बनेगा उत्तराखण्ड

अब तक तीन ही देश — अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और जापान — ही जिस सूर्य मिशन को कर पाए हैं उसे दिशा में अब भारत ने भी कदम बढ़ा दिए हैं. इसरो ने साल 2019 में देश के पहले सूर्य मिशन की घोषणा की. लेकिन कोविड काल में इस मिशन को मुल्तवी करना पड़ा. अब इसे अगले साल लांच करने के लिए कमर कस ली गयी है. इसरो जल्द ही सूर्य के अध्ययन के लिए अपना सेटेलाइट भी लांच करने जा रहा है. इस महत्वाकांक्षी मिशन का नाम ‘आदित्य-एल 1’ रखा गया है. (India’s first Soory Mission)

नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के काबिल वैज्ञानिकों की निगरानी में सूर्य मिशन के लिए डाटा सेंटर बनाने का काम जिले में शुरू हो गया है. यह डाटा सेंटर हल्द्वानी के बीएसएनएल परिसर में बनाया जा रहा है. इस  सेंटर में सूर्य मिशन के महत्वपूर्ण डाटा जुटाकर देश के विभिन्न शोध संस्थानों और वैज्ञानिकों को दिए जायेंगे.

इसरों और एरीज के बीच हुए करार के मुताबिक भारत के पहले सूर्य मिशन के लिए आंकड़े जुटाकर वैज्ञानिकों और शोधार्थियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एरीज, नैनीताल की है.

इस मिशन के तहत देश के वैज्ञानिक सूरज से निकलने वाली प्रचंड ऊर्जा का कारण, सूर्य की आयु का पता लगायेंगे. इसके अलावा सूर्य से उठने वाले तूफानों के खतरे और इससे जुड़े अन्य रहस्यों से पर्दा उठाने में भी यह मिशन मील का पत्थर साबित होगा.

इस मिशन के आंकड़े देश के सभी शोधार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे. इसके लिए उन्हें बस अपने उद्देश्य को एक वैज्ञानिक फ़ॉर्मेट में एरीज को बताना होगा. इस सिलसिले में एरीज समय-समय पर वर्कशॉप्स भी आयोजित किया करेगा. यहां शोधार्थियों को प्रशिक्षण देने का काम भी किया जाएगा.

गौरतलब है कि अब तक तीन ही देश सूर्य मिशन कर पाए हैं. भारत इस मिशन को करने वाला दुनिया का चौथा देश बनने जा रहा है. इसके बाद चीन भी अपने सूर्य मिशन को शुरू करने की योजना पर काम करने जा रहा है. (Uttarakhand will become the center of India’s first soory mission)

इनपुट : दैनिक हिन्दुस्तान

अंग्रेजों के बिलियर्ड्स ट्रेनर रहे हैं मुक्तेश्वर के कमलापति पाण्डेय 

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Sudhir Kumar

Recent Posts

हो हो होलक प्रिय की ढोलक : पावती कौन देगा

दिन गुजरा रातें बीतीं और दीर्घ समय अंतराल के बाद कागज काला कर मन को…

2 weeks ago

हिमालयन बॉक्सवुड: हिमालय का गुमनाम पेड़

हरे-घने हिमालयी जंगलों में, कई लोगों की नजरों से दूर, एक छोटी लेकिन वृक्ष  की…

2 weeks ago

भू कानून : उत्तराखण्ड की अस्मिता से खिलवाड़

उत्तराखण्ड में जमीनों के अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर लगाम लगाने और यहॉ के मूल निवासियों…

3 weeks ago

यायावर की यादें : लेखक की अपनी यादों के भावनापूर्ण सिलसिले

देवेन्द्र मेवाड़ी साहित्य की दुनिया में मेरा पहला प्यार था. दुर्भाग्य से हममें से कोई…

3 weeks ago

कलबिष्ट : खसिया कुलदेवता

किताब की पैकिंग खुली तो आकर्षक सा मुखपन्ना था, नीले से पहाड़ पर सफेदी के…

3 weeks ago

खाम स्टेट और ब्रिटिश काल का कोटद्वार

गढ़वाल का प्रवेश द्वार और वर्तमान कोटद्वार-भाबर क्षेत्र 1900 के आसपास खाम स्टेट में आता…

3 weeks ago