भारत की अंडर 19 टीम को 2012 में विश्व विजेता बनाने वाले टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद, जो कि मूल रूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं, भारत में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से अमेरिका में क्रिकेट खेल रहे हैं. अमेरिका में खेले जा रहे पहले माइनर क्रिकेट लीग में उनमुंक्त ने फिर से कमाल कर दिखाया है.
(Uttarakhand Player in American Championship)
उन्मुक्त चंद ने अपनी टीम को माइनर क्रिकेट लीग का चैंपियन बना दिया है. उनकी टीम सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स ने फाइनल में न्यू जर्सी स्टैलियन्स को शिकस्त दी है. 3 अक्टूबर को खेले गए फाइनल मैच में न्यू जर्सी स्टैलियन्स ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला लिया. हालांकि, उनका फैसला कुछ हद तक सही साबित नहीं हुआ. अच्छी शुरुआत के बावजूद टीम बड़े स्कोर तक पहुंचने में असफल रही. न्यू जर्सी स्टैलियन्स ने 20 ओवर में महज 141 रनों का स्कोर खड़ा कर सकी. मैच में एक समय ऐसा लग रहा था कि टीम कम से कम 170 के स्कोर तक पहुंचने में सफल रहेगी. न्यू जर्सी स्टैलियन्स के लिए डॉमिनिक रिखी ने सर्वाधिक 42 रन बनाए. मुक्कमाला ने 31 रन का योगदान दिय. वहीं, सिलिकॉन वैली की ओर से कुलविंदर सिंह ने तीन जबकि सौरभ, रोशन और प्रणय ने दो-दो विकेट हासिल किए. 141 रन का पीछा करने उतरी सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स ने ताबड़तोड़ शुरुआत की. राहुल जरीवाला और उन्मुक्त चंद की जोड़ी ने महज 3.5 ओवर में 28 रन जोड़े. राहुल 22 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद उन्मुक्त 21 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर पवेलियन लौट गए. उन्होंने पवेल के एक ओर में दो छक्के और एक चौका जड़कर टीम को तेज शुरुआत दी.
सिलिकॉन वैली 6 विकेट से जीता मैच
सिलिकन वैली स्ट्राइकर्स की लड़खड़ा रही टीम को वेस्ट इंडीज के पूर्व खिलाड़ी नरसिंह देवनारायण ने संकट से उबारा. उन्होंने 43 गेंद पर नॉटआउट 52 रनों की शानदार पारी खेली. इस बेजोड़ पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. इसके अलावा सिलिकॉन वैली के लिए रोशन 31 रन बनाकर नाबाद रहे. सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स ने 141 रन के लक्ष्य को महज 18.1 ओवर में ही चार विकेट खोकर इसे पा लिया. इस तरह उन्मुक्त चंद की टीम ने मैच को 6 विकेट से जीत कर अमेरिका में पहली बार खरेली गई माइनर क्रिकेट लीग की चैंपियनशिप का खिताब भी अपने नाम कर लिया.
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उन्मुक्त ने बनाए लीग में सबसे ज्यादा 612 रन
उन्मुक्त चंद ने न सिर्फ कप्तान के रूप में सफलता पाई बल्लेबाज के रूप में भी वे पहले नंबर पर रहे. उन्होंने 16 मैचों में 4 बार नॉट आउट रहते हुए 51 रनों की औसत से कुल 612 रन ठोक डाले. बता दें कि उन्मुक्त चंद ने कुछ महीने पहले ही महज 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उन्मुक्त की कप्तानी में भारत ने 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता था. तब फाइनल मैच में उन्होंने नाबाद 111 रनों की पारी खेली थी. वे आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस की ओर से भी खेल चुके हैं. पिछले साल दिल्ली की टीम अपनी प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिलने पर संन्यास लेकर अमेरिका में क्रिकेट खेलने लगे. माइनर क्रिकेट लीग में सिलिकॉन वैली स्ट्राइकर्स के लिए खेलते हुए उनमुक्त चंद ने अपने बल्ले से गदर मचाते हुए टीम को कई बार जीत दिलाई.
अमेरिका में उत्तराखंडियों के बीच लोकप्रिय
अपनी बैटिंग और कप्तानी के चलते उन्मुक्त चंद अमेरिका में भारतीयों और उत्तराखंडियों के बीच खासे लोकप्रिय हो गए हैं. उन्हें एक बड़े ब्रैंड के रूप में देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि उन्मुक्त को भारत में रहते हुए अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिला. लेकिन भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे दुनिया में कहीं भी लीग खेलने को आजाद हैं. बहुत जल्दी वे बड़ी लीगों में अंतरराष्ट्रीय स्टार खिलाड़ियों के साथ खेलते दिखाई देंगे.
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-सुंदर चंद ठाकुर
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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