हैडलाइन्स

भर्ती घोटाले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला

भर्ती घोटाले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुये जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं उन्हें निरस्त कर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरु की जाएगी. मुख्यमंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह भी बताया कि भर्ती घोटाले में में दोषियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी, अवैध संपत्ति को ज़ब्त करने और गैंगस्टर एक्ट व पीएमएलए में कार्यवाही की जाएगी.
(Uttarakhand Bharti Ghotala 2022)

पिछले एक महीने से ऊन की गोली की तरह खुलते भर्ती घोटाले पर मुख्यमंत्री का यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मुख्यमंत्री के पिछले दिनों के तेवर से पिछले कुछ दिनों से कयास लगाये जा रहे थे कि युवा मुख्यमंत्री कोई कड़ा फैसला लेने जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री के पोस्ट से इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि किन किन परीक्षाओं को निरस्त किया जायेगा लेकिन मुख्यमंत्री यह साफ-साफ कहा है कि जिन परीक्षाओं के माध्यम से दागी व्यक्तियों को नियुक्ति मिली है उनकी नियुक्ति निरस्त करते हुए उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद इस फैसले की जानकारी साझा की.  
(Uttarakhand Bharti Ghotala 2022)

मुख्यमंत्री के इस फैसले को सोशियल मीडिया में खूब सराहा जा रहा है. भर्ती घोटाले में उत्तराखंड के बड़े-बड़े नेताओं के शामिल होने की बात कही जा रही है. पूर्व भाजपा सरकार में हुये इस घोटाले में आरोप है कि भर्ती घोटाले में कई विधायक और राज्य कर्मचारी भी शामिल हैं.

अब तक हुई जांच में कई बड़े-बड़े नामों पर उँगलियाँ उठी हैं हालांकि सभी ने अपना दामन बचाए रखा है. आरोप था कि भर्ती घोटाले में बड़ी मछलियों को पकड़ने के बजाय छोटी मछलियों को पकड़ खानापूर्ति की जा रही है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद यह तय है कि सरकार ने साफ नियत से जांच शुरु करने की ओर पहला कदम तो बढ़ा ही दिया है.
(Uttarakhand Bharti Ghotala 2022)

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online

काफल ट्री फाउंडेशन

Support Kafal Tree

.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

अंग्रेजों के जमाने में नैनीताल की गर्मियाँ और हल्द्वानी की सर्दियाँ

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में आज से कोई 120…

3 days ago

पिथौरागढ़ के कर्नल रजनीश जोशी ने हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग के प्राचार्य का कार्यभार संभाला

उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के छोटे से गाँव बुंगाछीना के कर्नल रजनीश जोशी ने…

4 days ago

1886 की गर्मियों में बरेली से नैनीताल की यात्रा: खेतों से स्वर्ग तक

(1906 में छपी सी. डब्लू. मरफ़ी की किताब ‘अ गाइड टू नैनीताल एंड कुमाऊं’ में…

5 days ago

बहुत कठिन है डगर पनघट की

पिछली कड़ी : साधो ! देखो ये जग बौराना इस बीच मेरे भी ट्रांसफर होते…

5 days ago

गढ़वाल-कुमाऊं के रिश्तों में मिठास घोलती उत्तराखंडी फिल्म ‘गढ़-कुमौं’

आपने उत्तराखण्ड में बनी कितनी फिल्में देखी हैं या आप कुमाऊँ-गढ़वाल की कितनी फिल्मों के…

5 days ago

गढ़वाल और प्रथम विश्वयुद्ध: संवेदना से भरपूर शौर्यगाथा

“भोर के उजाले में मैंने देखा कि हमारी खाइयां कितनी जर्जर स्थिति में हैं. पिछली…

1 week ago