मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल से मिलने का समय माँगा है. दिल्ली से निकलकर वह देहरादून में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने वाले हैं. खबर है कि मुख्यमंत्री भाजपा आलाकमान के आदेश पर अपना इस्तीफा सौंपेंगे. इसके बाद उत्तराखंड में एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन की खबरें उठने लगी है.
(Tirath Singh Rawat Resign)
तीरथ सिंह रावत कुछ महीनों पहले ही मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर नेतृत्व संभालने को दिया गया. मुख्यमंत्री बनने के दिन से ही तीरथ सिंह रावत विवादों में रहे. राज्य में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस बारे में अभी कोई ख़बर नहीं है.
अब उत्तराखंड में भाजपा के पास दो विकल्प हैं या तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाय या मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के स्थान पर अन्य किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाय. वर्तमान मुख्यमंत्री को बिना विधान सभा में निर्वाचित हुये दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ऐसे किसी प्रयास को पूरी तरह से गैर संवैधानिक बता चुका है, जिसमें किसी सीएम को बिना सदन का सदस्य रहे छह महीने से आगे का विस्तार दिया जाए. उत्तराखंड में आज तक भाजपा का एक भी ऐसा मुख्यमंत्री नहीं हुआ जिन्होंने पांच साल कार्यकाल पूरा किया हो.
(Tirath Singh Rawat Resign)
तीरथ सिंह रावत जब से सीएम बने तब से उनके नाम के साथ विवादों का भी जुड़ाव हो गया. पहले तो उन्होंने ये कहकर सबको चौंकाया कि उन्हें पता ही नहीं था कि सीएम बनने जा रहे हैं. सीधा उन्हें देहरादून भेजकर शपथ के लिए कहा गया. उन्होंने विवाद तब खड़ा किया जब लड़कियों की फटी जींस को लेकर टिप्पणी की. गंगा जल से कोरोना नहीं होता ये कहकर भी उन्होंने अपनी छवि विवादित नेता की बनाई.
(Tirath Singh Rawat Resign)
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
उत्तराखंड, जिसे अक्सर "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, अपने पहाड़ी परिदृश्यों, घने जंगलों,…
शेरवुड कॉलेज, भारत में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए पहले आवासीय विद्यालयों में से एक…
कभी गौर से देखना, दीप पर्व के ज्योत्सनालोक में सबसे सुंदर तस्वीर रंगोली बनाती हुई एक…
शायद यह पहला अवसर होगा जब दीपावली दो दिन मनाई जाएगी. मंगलवार 29 अक्टूबर को…
तकलीफ़ तो बहुत हुए थी... तेरे आख़िरी अलविदा के बाद। तकलीफ़ तो बहुत हुए थी,…
चाणक्य! डीएसबी राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय नैनीताल. तल्ली ताल से फांसी गधेरे की चढ़ाई चढ़, चार…