काफल ट्री के पाठक अमित श्रीवास्तव के नाम परिचित हैं. पुलिस विभाग में काम करने वाले अमित की छवि काफल ट्री के पाठकों के बीच एक संजीदा लेखक की हैं. उनकी ईमानदारी लेखनी को पाठकों ने हमेशा खूब प्रेम एवं सम्मान दिया है. Amit Srivastava
अमित जितने ईमानदार साहित्यकार हैं उतने ही ईमानदार पुलिस अफ़सर भी हैं. उत्तराखण्ड सरकार में ईमानदार छवि वाले पुलिस अफसरों में अमित का नाम अग्रणी है.
सरकार ने इस साल गणतंत्र दिवस पर अमित को सराहनीय पुलिस सेवा सम्मान दिया जाना तय किया है. अमित को गणतंत्र दिवस 2020 के अवसर पर पुलिस मुख्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण के बाद पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा सम्मान चिन्ह प्रदान किया जायेगा.
6 जुलाई 1978 को जौनपुर में जन्मे अमित के गद्य की शैली की रवानगी बेहद आधुनिक और प्रयोगधर्मी है. उनकी तीन किताबें प्रकाशित हैं – बाहर मैं … मैं अन्दर (कविता) और पहला दखल (संस्मरण) और गहन है यह अन्धकारा (उपन्यास).
अमित श्रीवास्तव फिलहाल हल्द्वानी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. उनका नवीनतम उपन्यास गहन है यह अन्धकारा इन दिनों ख़ासा चर्चा का विषय रहा है. देश भर में उपन्यास के शिल्प और लेखक की प्रयोगधर्मिता पर ख़ासी चर्चा चल रही है.
गहन है यह अन्धकारा उपन्यास से हिन्दी में लिख रहे नौजवान लेखक खूब सारे सबक सीख सकते हैं. गहन है यह अन्धकारा उपन्यास की समीक्षा यहां पढ़ सकते हैं – गहन है यह अन्धकारा की समीक्षा
काफल ट्री की ओर से अमित को अनेक शुभकामनाएं. Amit Srivastava
–काफल ट्री डेस्क
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जय हो. सृजन की ऊर्जा अविरत रहे. मंगलकामनाएं
काफल ट्री से प्रबुद्ध और रचनाशील लोग जुड़ रहे हैं । स्वागत योग्य बात है । यह लोग उत्तराखंड की अमूल्य धरोहर साबित होंगे ।